कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने पर घिरी सरकार

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र समाप्त हुआ। बजट सत्र में यह तय ही रहा कि सरकार ने अपने साल भर में होने वाली आय और व्यय का लेखा जोखा रखा। बजट में यह देखा गया कि सरकार ने अपने व्यय का ब्यौरा तो रखा लेकिन आय का स्पष्ट लेखा नहीं रहा। जिससे विपक्ष ने सरकार को घेरा कि वह कर्ज के सहारे व्यय करना चाहती है। हिमाचल सरकार के द्वारा लिया जाने वाला कर्ज हमेशा चर्चा में रहा है। वर्तमान में हिमाचल सरकार के ऊपर लगभग 60 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि सरकार के बजट को देखकर ऐसा लगता है कि सरकार के ऊपर इसी बर्ष 70 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो जाएगा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कर्ज लेने वाले मुख्यमंत्री के रुप में जाने जाएंगे। कर्ज से लदी हिमाचल सरकार ने अब कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने का निर्णय भी ले लिया है। अभी तक हिमाचल सरकार को जीडीपी का 3 फीसदी तक कर्ज लेने की अनुमति थी। लेकिन अब सरकार ने यह सीमा 5 फीसदी तक बढ़ा दी है। सरकार के इस निर्णय का विपक्ष ने सदन में भी भारी विरोध किया और सीमा बढ़ाने वाले बिल पास होने के दिन को हिमाचल के इतिहास में काला दिवस बताया। इस तरह प्रदेश सरकार कर्ज लेने के मामले में सदन में घिरी नजर आई।