चार साल बाद : अब मंत्री कर रहे कार्यकर्ताओं से बात

भाजपा कार्यालय चक्कर में सप्ताह में 5 दिन, 3 घंटे बैठेंगे मंत्री, सुनेंगे कार्यकर्ताओं के मन की बात

शिमला. प्रदेश में भाजपा सरकार के चार साल पूरे हो गए, पांचवा साल चल रहा यानि चुनावी साल। सरकार और भाजपा दोनों ही चुनावी मोड में हैं। जिससे अब सत्ता और संगठन ने निर्णय लिया कि कार्यकर्ताओं की बात सुनी जानी चाहिए। सभी पार्टियां चुनावों कार्यकर्ताओं के दम पर ही लड़ती हैं, गांव-गांव, घर-घर तो कार्यकर्ता ही जाते हैं। जिससे अब चुनावी समय में कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनने का निर्णय लिया गया। सरकार और संगठन के निर्णय के अनुसार सरकार के मंत्री भाजपा कार्यालय चक्कर में बैठेंगे और कार्यकर्ताओं की बात सुनेंगे। कब कौन मंत्री बैठेगा, इसकी प्लॉनिंग शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज कर रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि सप्ताह में 5 दिन मंत्री भाजपा कार्यालय में 2 से 3 घंटे बैठेंगे और कार्यकर्ताओं की समस्या सुन हल करने का प्रयास करेंगे। कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम की शुरुआत हो गई और सबसे पहले शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर बुधवार के दिन भाजपा कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनी और हल करने का आश्वासन दिया। पार्टी कार्यालय के अनुसार शिक्षा मंत्री से मिलने 38 कार्यकर्ता पहुंचे, जिनमें अधिकांश शिमला जिले के थे। इनमें से बहुत से कार्यकर्ता ट्रांसफर के मामले लेकर पहुंचे। इसके साथ ही शिमला जिले की रोहड़ू के कार्यकर्ता भी थे जो लाइब्रेरी खोलने की मांग के लिए मंत्री से मिले। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के छात्र भी अपनी समस्याओं को लेकर मिले। इस तरह कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम की शुरुआत हो गई हे। इसके बाद ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बात सुनी।

सरकार बनने के बाद लंबे समय से सियासत में यह चर्चा गरम रही है कि सरकार में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। कार्यकर्ताओं के काम सरकार में नहीं होते हैं। शायद कार्यकर्ताओं से मिले इसी फीडबैक के आधार पर सत्ता और संगठन ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूरे करने के लिए यह निर्णय लिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सचिवालय में मंत्रियों से मिलने में कार्यकर्ताओं को परेशानी होती थी, इस कारण भाजपा कार्यालय में बैठने का कार्यक्रम तय किया गया है। अब ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी सोमवार हो भाजपा कार्यलय में बैठेंगे। इसी तरह आगे मंत्रियों के कार्यक्रम तय किए जाएंगे। वर्तमान में देखने में आ रहा है कि सरकार के अधिकांश मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्रों में अधिक समय दे रहे हैं। अब देखना होगा कि भाजपा कार्यालय में मंत्रियों के बैठने का कार्यक्रम कितना सफल होता है और कार्यकर्ताओं की समस्याओं को हल करने में कितनी सफलता मिलती है।