चुनावी बजट : मुख्यमंत्री ने बजट से साधा वोटरों पर निशाना

 

शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार का यह पांचवां और अंतिम बजट है। सियासत में इसे चुनावी बजट के रुप में देखा जा रहा है, जिसमें सभी वर्ग पर धनवर्षा की गई है। बजट में मुख्यमंत्री ने समाज के हर वर्ग की जेब में 30 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक डालने का प्रयास किया गया है। अनुमान लगाया जाए तो सरकार ने प्रदेश के लगभग 20 लाख से अधिक लोगों को कुछ न कुछ नगद रुपए के रुप में तोहफा देने का प्रयास किया है। सबसे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुजुर्ग वोटरों पर निशाना साधकर पेंशन पात्रता की उम्र 60 वर्ष करने के साथ पेंशन की राशि में भी बढ़ौतरी की है। अब 60 वर्ष की आयु पूरे कर चुके सभी बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रुप में 1700 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। इनमें कई आयु वर्ग को भी अलग से जोड़ा गया है। एक अनुमान के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पेंशन धारकों की संख्या 8 लाख के करीब है, जो सरकारी आंकड़ों में दिखाया गया है। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के साथ आशा वर्करों का मानदेय भी बढ़ाया है। जिनकी संख्या भी हजारों में है। इसके साथ एसएमसी शिक्षकों, मिड डे मील वर्कर, वाटर कैरियर, मल्टी पर्पस वर्कर, फिटर, पंप ऑपरेटर सहित दर्जनों कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया है जिनकी संख्या कुल मिलाकर लाखों में हो सकती है। मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों जिला परिषद अध्यक्ष से लेकर ग्राम पंचायत के सदस्यों तक का मानदेश बढ़ाने का ऐलान किया है। इनकी संख्या भी 50 हजार से अधिक है। इसके साथ ही उज्जवला योजना के तहत दो के स्थान पर तीन सिलेंडर फ्री प्रदान करने की घोषणा की है, जिससे मुख्यमंत्री ने लाखों महिला मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। महंगे सिलेंडर ले रहे परिवारों को अब फ्री गैस कनेक्शन के साथ तीन सिलेंडर फ्री में प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने बजट में प्रदेश के लाखों दिहाड़ीदार मजदूरों के वेतन में भी 50 रुपए बढ़ौतरी करने का ऐलान किया है तो आउट सोर्स पर लगे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 10500 करने का ऐलान किया है। बजट में स्वयं सहायता समूह को 25 हजार की ग्रांट देने का ऐलान किया है जो सीधे तौर पर समूहों से जुड़ी महिलाओं को राहत प्रदान करेगी। इस तरह मुख्यमंत्री ने अपने बजट में समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ देने का ऐलान किया है। जिससे साबित होता है कि सरकार का यह अंतिम बजट पूरी तरह से आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तैयार किया गया है। जिससे समाज के हर वर्ग को तोहफा प्रदान कर लुभाने के प्रयास किए हैं। प्रदेश सरकार का पांचवा साल चुनावी साल के रुप में देखा जाता है। अब इस बजट सत्र के बाद प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक दलों के नेता चुनावी मैदान में प्रचार करने के लिए कूंद जाएंगे। जिससे तय है कि सत्ताधारी दल जनता के समक्ष इस बजट में की गई घोषणाओं को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाएगी। बजट प्रस्तुत करते समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस बात पर पूरा जोर दिया है कि हर वर्ग की पेंशन, मानदेय और वेतन में वर्तमान भाजपा की सरकार के चार वर्ष में कितनी बढ़ौतरी की गई है, इसे स्पष्ट तौर पर बताया है। जिसका सीधा सा आशय था कि मुख्यमंत्री यह बताना चाह रहे थे कि इस बार की बढ़ौतरी के साथ सरकार ने गत चार साल में लगातार जनता को तोहफा दिया है। इस तरह मुख्यमंत्री जयराम  ठाकुर का पूरा बजट वोटरों को टारगेट करके ही तैयार किया गया है। अब देखना होगा कि इस चुनावी बजट का आगामी चुनावी में कितना प्रभाव होता है और सरकार के मिशन रिपीट अभियान में कितना सहयोगी बनता है।