नगर निगम चुनाव : सियासी जंग में उपलब्धियों- नाकामियों की गूंज

शिमला. प्रदेश के चार नगर निगम के चुनावों को जीतने की लिए सियासी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस, भाजपा के साथ आम आदमी पार्टी के भी प्रत्याशी अब सियासी मैदान में आमने-सामने हैं। धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन नगर निगम के चुनाव प्रचार में भाजपा जहां सरकार की उपलब्धियों को गिना रही है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सरकारी की नाकामियों को गिना रही है। निगम चुनाव में अभी सिर्फ पार्षदों को चुनाव हो रहा है और मेयर का चुनाव पार्षद करेंगे। तीनों दल के उम्मीदवार पार्टी का सिंबल लेकर मैदान में उतरे हैं, जिससे तय है कि निगम चुनाव उम्मीदवार की व्यक्तिगत छवि के साथ-साथ पार्टी की छवि का भी मुकाबला होना है। निगम चुनाव के मैदान में सबसे रोचक मुकाबला मंडी में नजर आ रहा है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं तो दूसरी तरफ मंडी सदर पंडित सुखराम का गढ़ हैं। गत कई दशक से मंडी सदर से सुखराम परिवार के सदस्य ही विधायक रहे हैं, वो कभी कांग्रेस पार्टी से तो कभी भाजपा से। अभी सुखराम तो कांग्रेस में हैं लेकिन उनके पुत्र अनिल शर्मा भाजपा के विधायक हैं। गत लोकसभा चुनाव की तरह ही अनिल शर्मा निगम चुनाव में भी शांत हैं, मतलब वह भाजपा के लिए वोट नहीं मांगेगे। वहीं भाजपा की ओर से सीधे कमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संभाली है। जिससे मंडी में मुकाबड़ा कड़ा और रोचक होना तय है। धर्मशाला में सरकार के मंत्री राकेश पठानिया स्थानीय विधायक नहरिया के साथ भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए डटे हैं तो कांग्रेस से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा और प्रभारी के रुप में सुखविंदर सिंह सुक्खू डटे हैं। वहीं पालमपुर में स्थानीय विधायक आशीष बुटेल कांग्रेस के लिए तो मंत्री विक्रम ठाकुर भाजपा प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे हैं। सोलन नगर निगम में सरकार के मंत्री सहजल और प्रभारी के रुप में राजीव बिंदल ने मोर्चा संभाला है तो कांग्रेस के लिए स्थानीय विधायक धनीराम शांडिल्य और प्रभारी के रुप में राजेंद्र राणा ने कमान संभाली है। परिणाम आने पर ही साफ होगा कि कहां किसका जादू चला।