नाकामी अधिकारियों-कर्मचारियों की नहीं बल्कि राजनैतिक लीडरशिप रही नाकाम : मुकेश अग्निहोत्री

अधिकारियों-कर्मचारियों को न ठहराएं दोषी, सरकार के मुखिया के तौर पर खुद लें जिम्मेदारी

शिमला. विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी नाकामी का ठीकरा अधिकारियों और कर्मचारियों पर फोड़ रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि नाकामी सरकार के नेतृत्व की रही है। सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में लगातार अफसरों को ताश के पत्तों की तरह फेंटते रहे और तबादले करते हैं। जिससे किसी अधिकारी को सरकर पर यह भरोसा ही नहीं रहा कि वह कल कुर्सी पर रहेगा या नहीं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शाम को तबादले करते थे और सुबह फिर तबादलों की लिस्ट बदल देते थे। अब जब सरकार के तीन साल पूरे होने पर विकास कार्यों की समीक्षा बैठकों में सरकार की नाकामी सामने आ रही है तो मुख्यमंत्री बौखलाहट में अधिकारियों-कर्मचारियों को धमका रहे हैं। सरकार के कमजोर नेतृत्व का परिणाम है कि तीन साल बाद पता चल रहा है कि अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं। अब जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्वारा घोषित योजनाएं जमीन पर नजर नहीं आ रहीं हैं तो अधिकारियों को दोषी ठहराया जा रहा है, जो सरकार की नाकामी को दर्शाता है। मुख्यमंत्री को काम न करने वाले अधिकारियों की लिस्ट बनाने की जगह माफियाओं, सत्ता के दलालों और भ्रष्टाचार नेताओं की लिस्ट बनानी चाहिए। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के मंत्री अपनी पत्नियों की प्रमोशन और विधायक अपने भाई को मलाईदार पोस्ट दिलाने के लिए अफसरों पर दवाब बना रहे हैं, ऐसे में जनता के कार्य कैसे होंगे। मुख्यमंत्री को राजनैतिक लीडरशिप की नाकामी पर मंथन करना चाहिए। सरकार ने कोरोना संकट काल में लगातार अधिकारियों के तबादले किए हैं यहां तक कि स्वास्थ्य सचिव के साथ ही दर्जनों आईएएस अधिकारियों और जिला के डीसी के तबादले भी कर दिए।
अग्ग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा विकास न होने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी बताने वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जयराम ठाकुर अपनी नाकामी का ठीकरा अधिकारियों-कर्मचारियों पर फोड़ रहे हैं। सरकार के मुखिया होने के नाते सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद को लेनी चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री पर पास साहस ही नहीं हैं। जिससे वह अब अधिकारियों-कर्मचारियों को कोस रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार की असफलता का कारण ही यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तीन साल कठपुतली के रुप में कार्य किया है जिससे प्रदेश में माफियाओं का राज हो गया है। सत्ता के संरक्षण में ही माफिया पूरे प्रदेश में फल फूल रहा है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सरकार की नाकामी के लिए अधिकारियों को दोषी बताकर अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल कम किया है। जब मुख्यमंत्री ही कमजोर हो और निर्णय लेने की क्षमता न हो तो अधिकारी कर्मचारी कैसे काम करेंगे।

फैसले लेकर यूटर्न मारते रहे जयराम

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर में निर्णय लेने की क्षमता ही नहीं है। सरकार ने पूरे तीन साल निर्णय लेकर उससे पलटने का कार्य किया है। तीन वर्ष के कार्यकाल में सरकार ने सैकड़ों निर्णयों पर पलटने का कार्य किया है। एक कैबिनेट की बैठक निर्णय लेने के लिए होती है तो दूसरी कैबिनेट की बैठक निर्णय को पलटने के लिए होती है। सरकार खुद विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय लेती है और फिर खुद पलटती है कि अब विधानसभा सत्र नहीं होगा। इसी तरह स्कूल फीस के बारे में अभी तक सरकार के मंत्री कुछ बोले रहे हैं लेकिन सही निर्णय ही नहीं ले पा रहे हैं। कोरोना संकट काल में सरकार दिन में तीन-चार अधिसूचना जारी करती रही है। सुबह कुछ नियम बनाती रही और शाम को वह नियम पलटती रही है। जिससे साबित होता है कि सरकार में निर्णय लेने की क्षमता ही नहीं है।