पी.एम. मोदी ने किया प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने का आग्रह

“प्री वाईब्रेंट गुजरात समिट 2021 प्राकृतिक कृषि राष्ट्रीय सम्मेलन” के उपलक्ष्य में वर्चुअल तरीके से किसानों को किया संबोधित 
आज के युग में “प्राकृतिक खेती” प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। इसी संदर्भ में “प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना” की राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई शिमला के माध्यम से 16 दिसंबर गुरूवार को प्रदेश के किसान वर्चुअल तरीके से “प्री वाईब्रेंट गुजरात समिट 2021 प्राकृतिक कृषि राष्ट्रीय सम्मेलन” के उपलक्ष्य में आयोजित बेबिनार का हिस्सा बने। इस राष्ट्रीय बेबिनार में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बतौर मुख्यातिथि संबोधन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृृतिक खेती के बारे में किसानों को संबोधित किया एवं अनुभव सांझा किए। उन्होंने किसानों को रसायनिक व जैविक खेती की तुलना में प्राकृतिक खेती की विशेषताओं और लाभ के बारे में विस्तृृत जानकारी दी। पी.एम. मोदी ने प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि 21वीं सदी में जहां पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहा है, वहीं भारत एक मार्गदर्शक के रूप में विश्व भर को प्राकृतिक खेती का उपहार दे सकता है। उन्होंने कहा कि देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र से फसल की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाएं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इस खेती को अपनाने से किसानों की उत्पादन में लागत कम आती है, जिससे उनकी आय बढ़ जाती है। जहर मुक्त एवं पोषण युक्त खाद्यानों का उत्पादन कर प्रदेश का किसान जहां सुख-समृृद्धि एवं प्रगति की ओर अग्रसर हो सकता है, वहीं यह उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक, जहरमुक्त उत्पाद उपलब्ध कर विश्व महामारी के दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सक्षम है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय कृृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी अपना संबोधन दिया। गौर रहे कि इस कार्यक्रम में लगभग 8 करोड़ किसान भाई बहन शामिल हुए। इस बेबिनार को हिमाचल प्रदेश में सफल बनाने हेतू श्री राकेश कंवर परियोजना निदेशक एवं प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल कार्यकारी निदेशक प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का विशेष योगदान रहा। ंइस राष्ट्रीय बेबिनार में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आतमा) हमीरपुर के माध्यम से जिला हमीरपुर के 6 विकास खंडों की 248 ग्राम पंचायतों से लगभग 5 हजार कृषक वर्चुअल तरीके से जुड़े और प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।