मुख्यमंत्री की कर्मचारियों को चुनौती, पेंशन चाहिए तो नौकरी छोड़ें, चुनाव लड़ें

शिमला, 15 मार्च । मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग कर रहे प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को चुनौती दी है कि यदि वह विधायकों की तर्ज पर पेंशन चाहते हैं तो वह नौकरी छोड़ें, चुनाव लड़ें और पेंशन लें। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज विधानसभा में विधायकों के यात्रा भत्ते को लेकर मीडिया में छपी खबरों पर टिप्पणी कर रहे थे। यह मामला कांग्रेस सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्वाइंट आफ आर्डर के माध्यम से उठाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की पेंशन को लेकर लोग, खासकर कर्मचारी गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां कर रहे हैं। इससे विधायक संस्थान की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा कि लोग सोशल मीडिया में यहां तक टिप्पणियां कर रहे हैं कि जब कर्मचारियों को पेंशन नहीं है तो विधायकों को पेंशन क्यों दी जा रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अभी विधायकों के टीए-डीए में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। उन्होंने कहा कि विधायक अनेकों बार प्रदेश से बाहर विभिन्न कार्यों से जाते हैं और उन्हें हिमाचल भवन अथवा सदन में कमरा नहीं मिलता। इसी के चलते विधायकों को निजी होटल में ठहरने पर 7500 रुपए तक का कमरा लेने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने विधायकों को एक साल में 2.50 लाख रुपए टीए-डीए का प्रावधान था, जिसे लगभग चार साल पहले मौजूदा सरकार ने बढ़ाकर 4 लाख रुपए किया था, लेकिन अभी इस भत्ते में कोई वृद्धि नहीं की गई है।

मुख्यमंत्री ने विधायकों की पैरवी करते हुए कहा कि 90 फीसदी विधायक इस निधि का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी विधायक एक साल में 4 लाख से अधिक टीए-डीए नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि मीडिया में जिस तरह से यह मामला उठाया गया है, वह गलत है।

इससे पूर्व, कांग्रेस के सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह मामला उठाते हुए मुख्यमंत्री से स्पष्ट करने को कहा कि वह बताएं कि क्या विधायकों के टीए-डीए की सीमा बढ़ाई गई है या नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सनसनीखेज समाचार से विधायकों की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद आईएएस का वेतन 3.50 लाख और डॉक्टर का वेतन 3 लाख पहुंच गया है। इसके विपरीत विधायकों का बेसिक वेतन अभी भी एक अस्सिटेंट के बराबर सिर्फ 55 हजार रुपए है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने सनसनी फैलाई है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने भी इस मुद्दे पर