मुख्यमंत्री ने बिलासपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में 210 करोड़ रुपये लागत की 26 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए

कुठेड़ा में जल शक्ति उपमण्डल, हरलोग में उप-तहसील खोलने व नागरिक अस्पताल बिलासपुर की बिस्तर क्षमता 300 करने की घोषणा

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज बिलासपुर जिला के बिलासपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के कंदरौर में लगभग 210 करोड़ रुपये लागत की 26 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए।

मुख्यमंत्री ने कौल डैम से 64.66 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न उठाऊ जल आपूर्ति योजनाओं और जल आपूर्ति योजनाओं के संवर्द्धन कार्य, 70 लाख रुपये की लागत से एचपीएसईबी के उपमण्डल-दो, निहाल के कार्यालय भवन, मिटयाल में सीर खड्ड के ऊपर 4.26 करोड़ रुपये की लागत से 144 मीटर गर्डर पुल, हरलोग में 16 लाख रुपये की लागत से पशु अस्पताल भवन और 11.83 करोड़ रुपये की लागत से मकड़ी-मारकण्ड में मारकण्डेय मंदिर परिसर और यहां श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं का लोकार्पण किया।

जय राम ठाकुर ने 36 लाख रुपये की लागत से पशु औषधालय हवाण के भवन, 19.03 करोड़ रुपये की लागत से ग्राम पंचायत तलियाना, हवाण, भुलसवाई, हरलोग, सुरियां-खास, कुठेड़ा की जल आपूर्ति योजनाओं के संवर्द्धन कार्य, 23.67 करोड़ रुपये की लागत से सदर ब्लाॅक के विभिन्न गांव में मौजूदा पेयजल आपूर्ति स्रोत के संवर्द्धन कार्य, 14.60 करोड़ रुपये की लागत से एफएचटीसी प्राप्त करने के लिए विभिन्न उठाऊ पेयजल योजनाओं/जल आपूर्ति योजनाओं की रैट्रोफिटिंग, 1.38 करोड़ रुपये की लागत से पटेड़ ग्राम पंचायत में उठाऊ सिंचाई योजना लधेर और मतियाड़ के सुधार कार्य, 5.18 करोड़ रुपये की लागत से ग्राम पंचायत मलयावर के लिए उठाऊ सिंचाई योजना, 5.19 करोड़ रुपये की लागत से ग्राम पंचायत निचली भटेड़ के लिए उठाऊ सिंचाई योजना और 1.35 करोड़ रुपये की लागत से उठाऊ सिंचाई योजना बचड़ी मसदों, परनाल, मैहरी-काथला के सुधार कार्य का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में 2.34 करोड़ रुपये लागत के शहरी आजीविका केन्द्र भवन, एक करोड़ रुपये की लागत से माॅडल कैरियर सेंटर भवन, लुहणू में 1.46 करोड़ रुपये की लागत से हेलिपैड, 6.66 करोड़ रुपये की लागत से सतलुज नदी के ऊपर बागरीन में 240 मीटर स्पेन पुल, 5.90 करोड़ रुपये की लागत से सम्पर्क सड़़क गांव न्यूह से लुहणू (छपरोह) पर बजरवाल खड्ड के ऊपर आरसीसी गर्डर पुल, चार करोड़ रुपये की लागत से गलयांणा से जोल प्लाखिन सम्पर्क सड़़क, 4.43 करोड़ रुपये की लागत से धरवासरा से हिडिम्बा देवी मंदिर तक सम्पर्क सड़़क, 29.50 करोड़ रुपये की लागत से रघुनाथपुरा-मंडी-हरपुरा-भराड़ी सड़क बिलासपुर के स्तरोन्नयन कार्य, 28 लाख रुपये की लागत से उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर में लिफ्ट, उपायुक्त कार्यालय के समीप 25 लाख रुपये लागत से बनने वाली पार्किंग और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कंदरौर में 15 लाख रुपये की लागत से बनने वाले खेल मैदान का शिलान्यास किया।

इसके उपरांत, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कंदरौर में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कुठेड़ा में जल शक्ति उपमण्डल और हरलोग में उप-तहसील खोलने की घोषणा की। उन्होंने नागरिक अस्पताल बिलासपुर की बिस्तर क्षमता 270 से बढ़ाकर 300 करने की घोषणा की। उन्होंने वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोरसिंघी में विज्ञान की कक्षाएं और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खूह मजवराह में वाणिज्य संकाय की कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने कंदरौर में लोक निर्माण अतिथि गृह, बरमाणा में पीएचसी और जबलयाना में स्वास्थ्य उप केन्द्र खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तीन सड़कों को नाबार्ड के तहत वित्तपोषित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गोबिन्द सागर झील में एशियन विकास बैंक परियोजना के तहत जलक्रीड़ा और अन्य पर्यटन आधारित विकासात्मक गतिविधियां आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कंदरौर की छत की मुरम्मत के लिए 50 लाख रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज जिन परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए हैं, उनसे क्षेत्र में विकास का नया अध्याय आरम्भ होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कई वर्षों तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है और यह जिला के प्रत्येक नागरिक और राज्य के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि जिला में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना से बिलासपुर जिला राज्य में अग्रणी बनकर उभरा है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के इस प्रमुख संस्थान का लोकार्पण इसी वर्ष के जून माह में संभावित है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग सौभाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राज्य के प्रति विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि 27 दिसम्बर, 2017 को वर्तमान राज्य सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से लेकर अभी तक प्रधानमंत्री ने गत चार वर्षों में पांच बार राज्य का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने इस अवधि में राज्य के लिए करोड़ों रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही हाल ही में प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर मण्डी में आयोजित समारोह के दौरान 11 हजार 500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं आधारशिला भी रखी।

प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पूर्व सरकारों की ओर से विरासत में प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस नेताओं ने इस विपदा में कुछ भी योगदान नहीं दिया बल्कि इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण करने का ही प्रयास किया। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि महामारी के प्रसार से पूर्व प्रदेश में केवल 50 वेंटीलेटर उपलब्ध थे जबकि वर्तमान में राज्य में 1000 से अधिक वेंटीलेटर हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के चार वर्ष प्रदेश के विकास के लिए समर्पित रहे हैं और सरकार ने गरीब और जरूरतमंदों को मुख्यधारा से जोड़ने पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के तुरन्त बाद बिना किसी आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन के लिए आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष करने का निर्णय लिया। महिला लाभार्थियों के लिए यह आयु सीमा 70 वर्ष से कम करके 65 वर्ष कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमंच, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1100, सहारा योजना, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, हिमकेयर योजना, मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना, सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं राज्य के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक परिवार को घरेलू रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाने के उपरान्त हिमाचल प्रदेश देश के पहले धुअंा मुक्त राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं के लिए राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का शायद कोई महत्व नहीं है, क्योंकि उनका ज्यादातर समय केवल अपने विकास पर ही व्यतीत होता रहा है।