वन मंत्री ने धर्मशाला में रखी 1.66 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला

प्रदेश में ईको टूरिज्म को दिया जा रहा बढ़ावा: राकेश पठानिया

धर्मशाला 12 अक्तूबर: वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है ताकि प्रदेश के अनछुए क्षेत्रों को विकसित कर पर्यटन के मानचित्र पर एक नई पहचान दी जा सके। प्रदेश में ईको-टूरिज्म तथा वन्य क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा प्रदान कर प्रदेश के राजस्व में वृद्धि की जा सकती है।
वन मंत्री राकेश पठानिया आज सोमवार को धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के काला पुल में वन विभाग की 1.66 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखने के उपरांत प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
राकेश पठानिया ने कहा कि प्र्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नये पर्यटन स्थलांे तथा ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ईको टूरिज्म के दो स्थानों पराशर झील मंडी तथा चम्बा के जोत का सर्वे तथा अन्य औपचारिकताएं पूरी करके मामला भारत सरकार को भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं हिमाचल के अन्य स्थानों का प्रवास करके ईको टूरिज्म की नई साइटों को चिन्हित करने के लिए प्रयासरत हैं और शीघ्र ही 7 और साइट का सर्वे पूर्ण कर स्वीकृति का मामला केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।
राकेश पठानिया ने धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के कालापुल में 53 लाख रुपये की लागत से बनने वाले ट्री टाप हट, 46 लाख रुपये की लागत के स्वीस कॉटेज की आधारशिला रखी। उन्होंने 20 लाख रुपये की लागत से बनने वाले वन कुटीर, 15 लाख रुपये की लागत के ईको टूरिज्म कम्पलैक्स, सतोवरी मे 14.50 लाख रुपये की लागत से बनने वाले ट्री टॉप हट तथा 17.50 लाख रुपये की लागत से घुरकड़ी में बनने वाले वन खंड अधिकारी कार्यालय एवं आवास की भी आधारशिला रखी।
वन मंत्री ने कहा कि हिमाचल के वन, प्रकृति एवं वन्य जीव न केवल भारत में अपितु विश्व में हिमाचल को एक विशेष स्थान दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां की प्राकृतिक संपदा के कारण ही लाखों पर्यटक हर वर्ष हिमाचल में आते हैं और हिमाचल वासियों को जीवन यापन के लिए रोजगार के अनेकों साधन उपलब्ध कराते हैं।
वन मंत्री ने कहा कि वन एवं प्राकृतिक संपदा हिमाचल प्रदेश की पहचान एवं बहुमुल्य संपति है, अतः इसका संरक्षण एवं संवर्धन हर प्रदेश वासी की जिम्मेवारी है। प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 67 प्रतिशत क्षेत्र वन के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि वनों एवं प्रकृति के संवर्धन एवं संरक्षण से ही हिमाचल आय के अच्छे साधन अर्जित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा वनों के संरक्षण और ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेकों योजनाएं प्रारंभ की गई हैं।
इस अवसर पर धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के विधायक विशाल नेहरिया, मुख्य अरण्यपाल वन वृत धर्मशाला प्रदीप ठाकुर, आईएएस प्रोवेशन नवीन तवंर, सीडीपी रघुवीर सिंह बनियाल, उपासना पटियाल, जिला वन अधिकारी डॉ. संजीव कुमार, एसडीएम धर्मशाला डॉ.हरीश गज्जु, प्रदेश मीिडया प्रभारी राकेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष अनिल चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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