विक्रमादित्य का सियासी जलवा : शपथ भले ही 9 वें नंबर पर लेकिन विभाग मिला नंबर 2 का, लोक निर्माण

 

शिमला. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य की भूमिका को लेकर काफी चर्चा रही है। सुक्खू के पहले कैबिनेट विस्तार में विक्रमादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में विक्रमादित्य को सबसे लास्ट में यानि 9 नंबर में शपथ दिलाई गई। सीएम और डिप्टी सीएम ने पहले ही शपथ ले ली थी, सुक्खू के पहले कैबिनेट विस्तार में 7 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें विक्रमादित्य को सबसे अंत में शपथ दिलाई गई। शपथ लेने वालों के क्रम का अपना मतलब है। लेकिन जब सुक्खू ने मंत्रियों को विभागों को बंटवारा किया तो विक्रमादित्य को लोक निर्माण विभाग दिया गया। सरकार में लोक निर्माण विभाग बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। अधिकांश समय में लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री के पास ही होता हैं, नहीं तो सरकार के दूसरे नंबर के मंत्री के पास होता है। विक्रमादित्य की यह सियासी जलवा ही है कि उन्हें मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी हैं।

पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सड़कों को प्रदेश की जीवन रेखा माना जाता है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश में करोड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं, जिससे प्रदेश की सड़कों को बेहतर रखना बहुत ही जरुरी है। लोक निर्माण विभाग का बजट भी अन्य विभागों की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। पहाड़ी प्रदेश होने के नाते हिमाचल में सड़कों का निर्माण करना और मरम्मत करना भी चुनौती पूर्ण है। जिससे विक्रमादित्य को बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग मिला है। इसके साथ ही खेल एवं युवा सेवा विभाग भी विक्रमादित्य के पास है। खेला की दृष्टि से यह भी विभाग भी महत्वपूर्ण है। जिससे विभागों के बंटबारे में विक्रमादित्य का सियासी जलवा साफ नजर आ रहा है।