विधायक प्राथमिकता – विपक्ष के साथ अपनों ने भी घेरी सरकार

सरकार ने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने के लिए विधायकों की राय जानने के लिए विधायक प्राथमिकता के कार्यों की बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों ने सरकार के समक्ष अपनी प्राथमिकताएं रखीं। लेकिन इस बैठक में गत तीन वर्षों में हुईं विधायक प्राथमिकता की बैठकों के लेकर सरकार आरोपों से घिरी रहीं। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सीधे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर कांग्रेस विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बैठकों को मात्र औपचारिकता करार दिया। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि गत तीन वर्षों में हुई विधायक प्राथमिकता की बैठक में कांग्रेस विधायकों के द्वारा दी गई सड़क, बिजली और पानी की प्राथमिकताओं की अभी तक डीपीआर तक नहीं बनी हैं। इसके साथ ही नाबार्ड के द्वारा आई विकास कार्यों की राशि के आबंटन में भी सरकार कांग्रेस विधायकों के साथ भेदभाव कर रही है। कांग्रेस के सभी विधायकों ने सरकार पर यह आरोप दागे। कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा के विधायकों ने भी विधायक प्राथमिकता के तहत विकास न होने के आरोप लगाए। भाजपा विधायकों में सबसे प्रमुख पूर्व मंत्री व नाहन के विधायक राजीव बिंदल ने भी अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। बिंदल ने मुख्यमंत्री से कहा क सड़क और पेयजल योजनाओं की विधायक प्राथमिकता के कार्यों की न तो डीपीआर बन रही है और न ही बजट का प्रावधान हो रहा है, जिससे विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। इसी तरह नगरोट बगवां के भाजपा विधायक ने भी अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं। इस तरह विधायक प्राथमिकता की बैठक में सरकार विपक्षी दल कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा के विधायकों के सवालों से घिरी नजर आई