शिमला जिप : सुक्खू की सियासी रणनीति से बनी एकराय

शिमला जिले में हुए पंचायती राज के चुनावों में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया। जिप परिषद में भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी अधिक जीतकर आए जिससे कांग्रेस का जिला परिषद अध्यक्ष पद पर कब्जा तय था। लेकिन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवरों के चयन को लेकर पार्टी के अंदर विवाद हो गया। कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एक राय बनाने में कामयाब नहीं हुए जिससे नाराज जिला परिषद सदस्य कांग्रेस संगठन के नेताओं से नाराज होकर कांग्रेस कार्यालय से चले गए। कांग्रेस सदस्यों के बीच जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी पाने की लड़ाई में ऐसा लगने लगा कि कहीं कांग्रेस की लड़ाई का फायदा भाजपा नेता न उठा लें। पार्टी की साख बचाने के लिए कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और जुब्बल कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने मोर्चा संभाला। सुक्खू ने जहां कांग्रेस समर्थित जिला परिषद सदस्यों से मीटिंग कर एकराय कायम की और तीन कामरेड सदस्यों से भी कांग्रेस के साथ देने के लिए चर्चा की। सुक्खू ने सबको एकजुट कर सभी सदस्यों को कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह के दरबार में भेजा और वहां पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का चयन हुआ। इसके बाद हुए चुनाव में चंद्रप्रभा नेगी अध्यक्ष बनी और उपाध्यक्ष का पद भी कांग्रेसी सदस्य को मिला। इस तरह सुक्खू की रणनीति के कारण कांग्रेस के एकजुट सदस्यों ने जिप की कुर्सी पर कब्जा जमाया ।