सरकार के मुखिया यह बताएं कि घोषणा पत्र के वायदे पूरे क्यों नहीं हुए: राणा 

इधर-उधर की बात न करें
हमीरपुर 30 नवंबर
धर्मपुर मंडी में हो या मंडी धर्मपुर में हो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। दोनों ही क्षेत्र प्रदेश का हिस्सा हैं लेकिन बीजेपी कभी क्षेत्रवाद के नाम पर तो कभी राष्ट्रवाद के नाम पर तो कभी भाई-भतीजावाद के नाम पर तो कभी भाई से भाई को लड़ाने के नाम पर राजनीति की आदी है, लेकिन अब यह नहीं चलने वाला। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपचुनावों  के नतीजों की गंभीरता पर गौर करें तो अब बीजेपी सरकार के चंद दिन बचे हैं और इन चंद दिनों में बीजेपी जितना मर्जी झूठ बोल ले अब दोबारा से सत्ता मिलने वाली नहीं है। राणा ने कहा कि जनता जानना चाह रही है कि जो वायदे 2017 के चुनाव में किए थे उनका क्या हुआ। 4 साल विकास क्यों और किस कारण से रुका रहा? 2017 के घोषणा पत्र में किए गए कितने वायदे पूरे किए हैं, जनता को यह बताएं। कर्मचारी अपनी घोर उपेक्षा से हाल-बेहाल हैं। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के बोल बाले ने सत्ता और सिस्टम से आम आदमी का भरोसा तोड़ कर रख दिया है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बीजेपी जनता को जवाब दे। राणा ने कहा कि बीजेपी सरकार व इसके मुखिया इधर-उधर की बात करने की बजाय जनता के मुद्दों की बात करे। क्योंकि इधर-उधर की बातें खूब हो चुकी हैं। यह बचकाने बयान मुख्यमंत्री पद की गरिमा व मर्यादा के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुगालते में कतई न रहे कि इस बार झूठ और झांसों से काम चल जाएगा। अब जनता बीजेपी के झूठ और झांसों में कतई नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि उपचुनावों के नतीजे प्रदेश में रुके हुए विकास के गवाह बने हैं। सत्ता के बावजूद अगर बीजेपी हारी है तो इस सच को बीजेपी हजम करे। राणा ने कहा कि कौन ईमानदार है और कौन बेईमान, कौन शरीफ है और कौन शैतान यह फैसला बीजेपी को नहीं प्रदेश की जनता को करना है और प्रदेश की जनता 2022 में बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाकर इस फैसले को करेगी। उपचुनावों में बीजेपी को नकार कर जनता अपना संदेश स्पष्ट कर चुकी है। राणा ने कहा कि बीजेपी को समझना होगा कि मंडी में कांग्रेस को वोट श्रद्धांजली के नाम पर नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह द्वारा निरंतर की गई इस प्रदेश की सेवा-साधना व काम के दम पर मिले हैं। वीरभद्र सरीखा दम पैदा करने में बीजेपी को अभी वर्षों नहीं दशकों लगेंगे और उसके बाद भी वीरभद्र सिंह जैसा तप-त्याग और सेवा-साधना करना बीजेपी के नेताओं के बूते की बात नहीं है क्योंकि सेवा-साधना का आधार सच है जबकि बीजेपी सिर्फ और सिर्फ झूठ और झांसों की राजनीति करती है।