सेब के दाम गिरे, सियासत में उछाल

सब हेड – कांग्रेस ने सरकार को दोषी मानकर दिया धरना, किसान नेता राकेश टिकैत भी शिमला पहुंचे
शिमला. हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मजबूत आधार सेब के दाम में भारी गिरावट आने से सियासत में भारी उछाल आ गया है। मंडियों में बिकने वाले सेब के दाम में 10 से 20 रुपए प्रति किलो की गिरावट और अदानी के द्वारा खरीदे जाने वाले सेब के दाम 16 रुपए कम हो गए हैं। जिससे बागवानों पर संकट के बादल छा गए हैं। बागवानों का कहना है कि प्रति सेब की पेटी में मिलने वाले मुनाफे में 50 से 70 फीसदी तक की कमी आ गई है। सेब के दामों में गिरावट से प्रदेश की सियासत में भी उछाल आ गया है। जहां विपक्षी दल कांग्रेस के नेता सरकार और अदानी कंपनी को निशाना बनाते हुए सड़कों पर उतर आए हैं तो किसान नेता राकेश टिकैत भी दिल्ली से हिमाचल आकर भाजपा सरकार पर हमलावर हो गए हैं। वहीं बचाव की मुद्रा में सरकार भी सक्रिय हो गई है और मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मंडियों का दौरा कर अधिकारियों के साथ मीटिंग कर दाबा कर रहे हैं सरकार सेब बागवानों का हित के लिए कार्य कर रही है।
सेब के दाम कम होने पर प्रदेश कांग्रेस ने किसानों व बागवानों के शोषण के खिलाफ जिला शिमला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण की अध्यक्षता में कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के नेतृत्व में रिज मैदान पर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ.यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा के आगे बैठ कर मौन धरना दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राठौर ने भाजपा सरकार की किसान व बागवान विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की केंद्र की हो या प्रदेश की भाजपा सरकार,दोनों को ही देश की कोई चिंता नही है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में सेब बागवानों की सबसे बड़ी आर्थिकी है।प्रदेश सरकार की उपेक्षा के चलते आज बागवानों की कमर टूट गई है।एक तरफ प्राकृतिक आपदा तो दूसरी तरफ सरकार की बेरुखी से आज बागवान व किसान परेशान है।उन्होंने कहा कि सरकार ने बागवानों को आश्वासन दिया था कि इस बार कार्टन व ट्रे के मूल्यों में कोई बढ़ोतरी नही होगी,बाबजूद इसके मूल्यों में बढ़ोतरी की गई।उन्होंने कहा कि सेब के मूल्यों में एकाएक कमी आना सेब बागवानों के प्रति कोई बड़ा षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि अडानी लदानी के पास ऐसे क्या मापदंड है जो उसने सेब के भाव 72 रुपये निर्धारित किये है।उन्होंने कहा कि अडानी और लदानी बागवानों का खुल कर शोषण कर रहें है और सरकार ने अपनी मिलीभगत से इन्हें इसकी खुली छूट दे रखी है। राठौर ने कहा कि जब अडानी को प्रदेश में सरकार ने कॉल्ड स्टोर खोलने के लिए जमीन दी थी उस समय इन्हें इसके निर्माण में भारी सब्सिडी दी गई थी।सरकार ने इन्हें यह जमीन यह सोच के दी थी कि वह बागवानों के हितों की पूरी रक्षा करेंगे,पर आज यह भष्मासुर बन गए है। राठौर ने सरकार से जम्मू कश्मीर की तर्ज पर अच्छे सेब का एमएसपी,न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने की मांग दोहराई है।

मंत्री बोले, बागवानों की हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार सेब बागवानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को सेब बागवानों को मार्किट से संबंधित जानकारी समय से पहुंचाने के निर्देश दिए। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि अधिकारियों को बागवानों की समस्या का त्वरित निदान करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा ना होने की स्थिति में बागवान उच्च अधिकारी को या सीधा मंत्री को शिकायत कर सकता है, जिस पर तुरंत कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं अधिकारियों के साथ बागवानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का निदान करेंगे। शहरी विकास मंत्री ने गत दिवस पराला मंडी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती हैं कि सेब को अधिक से अधिक दाम मिलें और इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कीमत तय होने में मांग और आपूर्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है। गत दिवस भी शिमला एवं किन्नौर मार्किट कमेटी की मंडी में अच्छे सेब को 2250 रुपये प्रति बॉक्स का दाम मिला जबकि सोलन में 2000 रुपये प्रति बॉक्स का दाम मिला।