हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को मिले मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, लोकसभा चुनाव जीतना बड़ी चुनौती

 

शिमला. हिमाचल की सियासत में बड़े बदलाव के साथ कांग्रेस की सरकार बन गई है। निचले हिमाचल के
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों मिले हैं। मुख्यमंत्री के पद पर नादौन के विधायक
सुखविंदर सिंह सुक्खू विराजमान हुए हैं तो उप मुख्यमंत्री के पद पर ऊना जिले के हरोली से विधायक मुकेश
अग्निहोत्री विराजमान हुए हैं। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की जोड़ी वाली कांग्रेस सरकार बेहतर कार्य करेगी,
इसकी पूरे हिमाचल को उम्मीद है। मुख्यमंत्री सुक्खू शुरु से कहते आए हैं कि वह सरकार बदलने की बात नहीं
कर रहे हैं व्यवस्था परिवर्तन की बात कर रहे हैं। अब सुक्खू मुख्यमंत्री बने हैं तो निश्चित ही व्यवस्था परिवर्तन
के साथ बेहतर कार्य करेंगे।
अभी सरकार को गठन पूरी तरह से नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन कैबिनेट
का गठन की प्रक्रिया चल रही है। पूरी सरकार के गठन के बाद ही सरकार का कामकाज शुरु होगा। विधानसभा
चुनावों के परिणामों को देखा जाए तो हमीरपुर और ऊना जिले में कांग्रेस को प्रदर्शन बेहतर रहा है। हमीरपुर
जिले की पांच विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस को जीत मिली तो एक सीट हमीरपुर में निर्दलीय प्रत्याशी
की जीत हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के
सांसद अनुराग ठाकुर के गृह जिले में भाजपा का खाता भी नहीं खुला है। पांचों सीटों में भाजपा प्रत्याशियों की
हार हुई है। वहीं ऊना जिले की पांच संसदीय सीटों पर चार पर कांग्रेस को जीत दर्ज हुई है तो एक सीट ऊना
विधानसभा में भाजपा को जीत मिली है। जिससे साफ है कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के हमीरपुर और ऊना जिले
में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आने वाली 17 विधानसभा क्षेत्रों में 12 पर कांग्रेस
की जीत हुई है और मात्र 5 सीटों पर भाजपा जीती है। बिलासपुर की दो सीटों बिलासपुर और नयनादेवी में भी
भाजपा प्रत्याशी बहुत कम अंतर से जीते हैं। जिससे साफ है कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के संसदीय क्षेत्र में
भाजपा को बड़ा झटका लगा है जो अनुराग ठाकुर के लिए भी संकट पैदा करने वाला है।
अब प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन हो गया है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र
से हैं। इसके अलावा भी कैबिनेट गठन पर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को दो कैबिनेट मंत्री मिलने की संभावना बनी
हुई है। जिससे अब कांग्रेस सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों की है।
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के सामने यह चुनौती होगी कि वह लोकसभा चुनावों में बेहतर कांग्रेस प्रत्याशी को
मैदान में उतारें जो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का मुकाबला करने में सक्षम हों और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में
कांग्रेस पार्टी की जीत हो। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है। लगभग पिछले 25 सालों से लगातार
भाजपा का ही सांसद रहा है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में पहले भाजपा की सुरेश चंदेल लगातार तीन बार सांसद
रहे हैं। फिर बीच में हुए उपचुनावों में प्रेम कुमार धूमल सांसद बने। इसके बाद से लगातार अनुराग ठाकुर
सांसद बन रहे हैं। लेकिन अब 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के
सांसद अनुराग ठाकुर के समक्ष बड़ी चुनौती होगी। वहीं सुक्खू और मुकेश के लिए भी बड़ी चुनौती होगी कि
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री भी होंगे तो सीट कांग्रेस को जीतनी
ही चाहिए। जिससे अब नई सरकार की अहम परीक्षा 2024 के लोकसभा चुनावों है जिसमें हमीरपुर संसदीय
क्षेत्र के साथ प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करना। खास तौर से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस
को जीत दिलाना मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के सामने बड़ी चुनौती होगा। हमीरपुर के सांसद और केंद्रीय
मंत्री अनुराग ठाकुर भाजपा की बड़े चेहरे हैं तो संसदीय क्षेत्र में उनका अपना ही बड़ा जनाधार है। लोकसभा के

चुनाव भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ लड़ा जाता है जिससे मोदी के चेहरे को वोट अधिक मिलते हैं।
अब देखना होगा कि कांग्रेस हमीरपुर में जीत दर्ज करने के लिए किसे चेहरा बनाती है और कितने दम खम के
साथ चुनाव लड़ती है।