1 मई तक बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थान, फील्ड के क्रियाशील स्टाफ के स्थानांतरणों पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा

प्रदेश में 1 मई तक बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थानः मुख्यमंत्री

राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुुर ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान 1 मई, 2021 तक बन्द रहेंगे। इस दौरान स्कूलों, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों के अध्यापकों को भी अवकाश रहेगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि फील्ड के क्रियाशील स्टाफ के स्थानांतरणों पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में तीन जिलों का दौरा कर कोविड-19 की स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि 22 अपै्रल को मंत्रिमण्डल की बैठक आयोजित कर कुछ और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे ताकि प्रदेश में इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए राज्य के विभिन्न अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने पर विशेषतौर पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने आॅक्सीजन और मेडिकल स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नेरचैक मेडिकल काॅलेज, आईजीएमसी शिमला, जोनल अस्पताल धर्मशाला, टांडा मेडिकल काॅलेज, सुन्दरनगर अस्पताल सहित कई अस्पतालों में बिस्तरों व आक्सीजन आपूर्ति की क्षमता बढ़ाई जाएगी। कोविड मरीजों की देखभाल के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती के लिए भी प्रबंध किए जाएंगे। होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड संक्रमितों की उचित स्वास्थ्य देखभाल व अन्य सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्यांेकि अधिकतर मरीज घरों पर ही उपचार की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण अभियान को तेजी प्रदान की गई है और अभी तक 11.46 लाख लोगों को पहला टीका लगाया जा चुका है। जनसंख्या के अनुपात में प्रदेश टीकाकरण अभियान में देश में सातवें स्थान पर है।

स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान एवं जेसी शर्मा, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिन्दल और आईजीएमसी शिमला के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. जनक राज बैठक में उपस्थित थे।