4 साल के शुन्य विकास में जश्न किस बात का, जवाब दे बीजेपी : राणा

हमीरपुर 24 दिसंबर
बेतहाशा कर्ज में डूबे प्रदेश की सत्तासीन बीजेपी सरकार अब टैक्सपेयर के पैसे से जश्न मनाने जा रही है। जिसके लिए करोड़ों रुपए खर्च करके तामझाम किया जा रहा है। यह टिप्पणी 27 दिसंबर को होने वाली बीजेपी की रैली को लेकर राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में की है। राणा ने कहा कि सवाल यह है कि डबल इंजन की सरकार का झांसा देकर बीजेपी ने जो जनादेश प्रदेश की जनता से हासिल किया था उस जनादेश को लेकर पिछले 4 सालों में प्रदेश कहां पहुंचा है। लेकिन हर मोर्चे पर फेल और फ्लॉप रही सरकार इस जश्न में बताने और जताने यह जा रही है कि प्रदेश बहुत आगे जाएगा। प्रदेश जाएगा कहां सवाल इस बात का नहीं, प्रदेश पहुंचा कहां है, जवाब इस बात पर जनता चाहती है। यह दीगर है कि चुनावों से पहले हो रही यह रैली बात-बात पर झूठ और झांसों के सफल प्रयोग करने वाली बीजेपी का नया पैंतरा साबित होगी। राणा ने कहा कि विश्लेषण व आंकलन तो चार साल की सत्ता के बाद इस बात का होना जरूरी है कि प्रदेश इस दौरान कहां पहुंचा है। बीजेपी प्रदेश की जनता को हिसाब इस बात का दे कि 2014 में सुजानपुर में हुई ऐसी ही विशाल रैली में जो वायदे किए गए थे उनका क्या हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को याद है कि इस रैली में केंद्र के मोदी के सपनों की सरकार व डबल इंजन के इकरार ने हिमाचल को क्या दिया और कितना दिया, हिसाब इस बात का भी जनता को देना होगा। अगर उन वायदों-इरादों का हिसाब बीजेपी मंडी रैली में ईमानदारी से देती है तो यह कटू सत्य उभर कर सामने आएगा कि बीजेपी के राज में प्रदेश का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। आवाम तंग है, बीजेपी प्रदेश के लिए हानिकारक है, जनता की इस तंगी के बीच यह साबित हो चुका है। इसका सीधा संदेश प्रदेश की जनता उपचुनावों में बीजेपी को दे चुकी है। चार सालों के हिसाब में यह भी बताना होगा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा गत विधानसभा चुनावों से पहले घोषित 69 नेशनल हाईवे की हकीकत  क्या थी और डबल इंजन की सरकार में  69 एनएच का घोषित प्रोजेक्ट अभी तक भी धड़ाम क्यों है? अब फिर विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंडी रैली में बीजेपी को यह भी बताना होगा कि केंद्र और राज्य में डबल इंजन के रिश्ते की सरकार का प्रदेश को कितना और क्या लाभ मिला है। प्रदेश में विकास शुन्य की स्थिति में है। महंगाई, बेरोजगारी सातवें आसमान पर है। प्रदेश में सड़कें बदहाल हैं। कर्मचारी हाल-बेहाल हैं। ऐसे में कर्ज में डूबे हिमाचल की मंडी में जश्न कैसा और किस बात का? लगे हाथ यह बात भी बीजेपी को साफ और स्पष्ट करनी होगी।