बजट सत्र के बाद होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, हिमाचली अफ़सरों के ख़िलाफ़ हो रही साज़िशें, काम न करने वाले अफसरों को फेटेंगे जयराम ठाकुर

साफ़ छवि और मेहनती लोगों को देंगे तरजीह .
आर.एस.एस. के दरबार में और मंत्रियों के चक्कर लगा रहे अफ़सर
सीएस से लेकर डीसी, एसपी का पद पाने की हो रही लॉबिंग

विशेष प्रतिनिधि

शिमला. विधानसभा सत्र के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सकते हैं। जिसके संकेत मुख्यमंत्री ने पहले ही दिए थे कि जो अफसर काम नहीं कर रहे, उनसे जवाब तलबी भी होगी और तबादला भी होगा। जिससे अब तय है कि सत्र की समाप्त होने के साथ ही प्रशासनिक फेरबदल होगा। जिसके चलते सचिवालय में तैनात आईएएस अधिकारी अच्छा पद पाने के लिए लॉबिंग भी कर रहे हैं। इस लॉबिंग की खबरों के बीच यह बात भी सामने आ रही है कि आला अधिकारियों के बीच गुटबाजी भी बहुत बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार सरकार में विराजमान एक एसीएस अब सीएस बनने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। सीएस पद पाने के लिए वह संघ और भाजपा के आला नेताओं के दरबार कांगड़ा और दिल्ली में माथा टेक चुके हैं।
सरकार के एक वर्तमान टाप प्रशासनिक अफसर अपनी ईमानदारी और कानून के दायरे में बेहतर काम करने के लिए जाने जाते हैं। इसके बावजूद कई सीनियर अधिकारी उनके खिलाफ भी षड़यंत्र कर खुद कुर्सी पाना चाह रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पैसे के मामलों में ख़राब छवि के अफ़सरों से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दूरी बना के रखना चाहते है । वहीं पुराने बड़े अफ़सरों के दख़ल भी बड़े अधिकारी को खटक रहे हैं ।

इसके साथ ही कई सीनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारी राजधानी शिमला में महत्वपूर्ण पदों को पाने के साथ जिले में डीसी की कुर्सी पाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। सोलन, मंडी और सिरमौर के डी.सी. बदलेंगे । पता चला है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी प्रमुख अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। यह तय माना जा रहा है कि जिन अधिकारियों ने गत तीन वर्षों में बेहतर कार्य नहीं किया है, उनके पर जरुर कतरे जाएंगे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार के तीन वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा हो गया जिससे अब सरकार मिशन रिपीट 2022 की तैयारी में जनता के समक्ष जाने की योजना बना रही है। जनता के सामने सरकार को तीन साल का रिपोर्ट कार्ड देना होगा, तभी विकास के दम पर जनता से दोबारा वोट मांगे जा सकते हैं। जिसकी तैयारी के लिए जयराम ठाकुर हर विभाग के द्वारा किए गए विकास कार्य के आंकड़े जुटा रहे हैं। तीन वर्ष पूरे होने के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया था कि कई विभागों में तैनात अधिकारी के अधीन कार्य नहीं हो रहे हैं या धीमी गति से हो रहे हैं। जिससे मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर नौकरशाही को चेताया था कि हर योजना को समय पर पूरा करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि जो अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अब सत्र के बाद सरकार नौकरशाही पर नकेल कसेगी। जिसमें सत्र के बाद काम न करने वाले कई विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी और कई अधिकारियों के तबादले भी होंगे। तबादलों की इसी उठापटक के बीच अधिकारी अच्छे पद पाने की लॉबिंग करने में भी जुटे हैं। इसी लॉबिंग में सबसे पहला नाम कई बार विवादों में आए एक एसीएस का भी है, जो सीएस बनने की लॉबिंग कर रहे हैं। इसके साथ ही कई आईएएस अधिकारी अच्छे पदों को पाने की लॉबिंग कर रहे हैं तो कई जिलों में डीसी की कुर्सी पर बैठने के लिए अपने आकाओं के दरबार में दस्तक दे रहे हैं। अब देखना है कि सरकार में शीघ्र होने वाले प्रशासनिक फेरबदल में कौन किस कुर्सी पर विराजमान होता है। लेकिन यह तय है कि यह फेरबदल अधिकारियों के द्वारा गत तीन वर्षों में किए गए कार्यों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही होंगे। तीन वर्षों में भ्रष्टाचार के मामलों में विवादित रहे अधिकारियों और काम न करने वाले अधिकारियों को कम ही तवज्जो मिलेगी।