बड़ी सियासी खबर : विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल, समर्थकों में आएगा जोश, बदलेंगे प्रदेश के सियासी समीकरण

शिमला. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं। यह इस बात से साबित होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। धर्मशाला में हुए मंथन शिवर के ठीक दूसरे दिन पटलांदर में बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें विधानसभा क्षेत्र के पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हुए। जिससे अब तय है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की सक्रियता से उनके समर्थकों में जोश आना तय है लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि उनके चुनाव मैदान में उतरने से प्रदेश के सियासी समीकरण भी बदलेंगे। यह समीकरण किस तरह बदलेंगे, इसके लिए समय को इंतजार करना होगा। लेकिन इतना तय है कि धूमल साब के चुनाव मैदान में उतरने के संकेत से उनके समर्थकों को संजीवनी जरुर मिलेगी जो लंबे समय से अपने आप को अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे थे।

पूर्व मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ना बड़ी बात

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का फिर से विधानसभा चुनाव लड़ना प्रदेश की सियासत के लिए बड़ी बात होगी। प्रेम कुमार धूमल दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और गत 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के ओर से घोषित मुख्यमंत्री पद के चेहरा रहे हैं। सुजानपुर से विधानसभा चुनाव हारने के कारण वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। अब फिर उनका विधानसभा चुनाव लड़ना प्रदेश की सियासत में नए समीकरण बनाएगा। इस कारण उनका विधानसभा चुनाव लड़ना सियासत के लिए बड़ी बात है।

धूमल के प्रदेशव्यापी जनाधार की ताकत से सब परिचित

प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहते हुए प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में अपना जनाधार कायम किया था। प्रेम कुमार धूमल को सड़कों वाला मुख्यमंत्री के रुप में जाना जाता है। उन्होंने सड़कों को प्रदेश की जीवन रेखा मानते हुए हर गांव तक सड़कों का जाल बिछाया। अपने काम के बल पर वह लोगों के दिलों में राज करते हैं। धूमल के जनाधार की ताकत से प्रदेश के नेता ही नहीं बल्कि हाईकमान भी परिचित है। गत चुनाव में हाईकमान ने यह रणनीति बनाई कि वह मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेंगे। चुनावी बिगुल बज गया और प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद प्रचार तेज हो गया। पार्टी के दिग्गज नेता प्रदेश में रैलियां करने लगे लेकिन भाजपा के पक्ष में लहर बनती नहीं दिखी। पार्टी की हालत मजबूत न देखकर हाईकमान को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी और तात्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेम कुमार धूमल को पार्टी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। धूमल का नाम घोषित होने से प्रदेश में भाजपा के पक्ष में लहर बनी और पार्टी 44 सीटों पर विजय होकर सरकार बनने में सफल रही। इस तरह धूमल का जनाधार साबित हुआ।

लगातार सक्रिय हैं पूर्व मुख्यमंत्री धूमल

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल राजनीत को जन सेवा मानते हुए लगातार जनता के बीच सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री न बन पाने के बाद से धूमल लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं और खास तौर से हमीरपुर जिले में जनता के बीच सक्रियता से भाग ले रहे हैं। हाल ही में हुए पंचायती राज चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्थकों से संपर्क में रहे। कोरोना संकट के समय भी वर्चुअल माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के संपर्क में रहे। अब पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के बाद सुजानपुर के पटलांदर में सम्मान समारोह का आयोजन किया और पंचायती राज संस्थाओं के जीते हुए प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इस तरह पूर्व मुख्यमंत्री लगातार राजनैतिक रुप में सक्रिय हैं।

अनुराग बोले, जो बीत गया सो बीत गया, उससे सीखेंगे

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पटलांदर में आयोजित पंचायती राज संस्थाओं के जीते हुए प्रतिनिधियों के सम्मान समारोह में भाग लिया। वहां संबोधित करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि जो बीत गया सो बीत गया, उससे सीखेंगे। अनुराग की इस बात की अपनी पृष्ठभूमि हैं। गत चुनाव में सुजानपुर विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे। इस कारण ही अनुराग ठाकुर ने कहा कि जो बीत गया सो बीत गया, उससे सीखकर आगे काम करेंगे। इससे अनुराग ठाकुर ने सभी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि अब काम करके जीतना है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अभी तक विधानसभा चुनाव लड़ने के संबंध में कोई ऐलान नहीं किया है लेकिन उनकी सक्रियता से यह तय माना जा सकता है कि वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। धूमल के चुनाव मैदान में उतरने से प्रदेश की सियासी समीकरण बदलना तय हैं लेकिन किस तरह प्रदेश की सियासत बदलेगी, इसके लिए सही समय का इंतजार करना होगा।