जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला, बिना पैसों के कर दिए करोड़ों के टेंडर, सराज व धर्मपुर में 444 करोड़ खर्च, मुख्यमंत्री जवाब नहीं दे पा रहे : मुकेश अग्निहोत्री

शिमला. विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने हमला करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला हुआ है। जलशक्ति मंत्री के विभाग ने बिना पैसों के करोड़ों के टेंडर कर दिए हैं जिससे करोड़ों के पाइप खरीदे गए हैं। अब सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर जवाब नहीं दे पा रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बिना पैसों के टेंडर करने से पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और अधिकारी डर हुए हैं। विपक्ष के नेता ने कहा कि हमनें सवाल किया है कि सरकार बताए कि अभी तक केंद्र सरकार से कितना पैसा आया है, जलशक्ति विभाग ने किन-किन विधानसभा में कितना खर्च किया और अभी तक कितना पैसा देना बाकी है। सरकार अब इस बात का जवाब नहीं दे पा रही है। अग्निहोत्री ने दाबा किया कि जलजीवन मिशन में करोड़ों का घोटाला हुआ है, जिसके कारण ही सरकार जवाब नहीं दे पा रही है। अग्निहोत्री ने दाबा किया कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 600 करोड़ पैसा ही मिला है और विभाग ने 5 हजार करोड़ से अधिक के टेंडर कर दिए हैं। हजारों करोड़ के टेंडर कर दिए यह पैसा कहां से आएगा, इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री और मंत्री के पास नहीं है।
अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर दोनों के विधानसभा क्षेत्र सराज और धर्मपुर में ही 444 करोड़ खर्च किए हैं जो जलजीवन मिशन के तहत खर्च की गई राशि का 45 फीसदी से अधिक है। जिससे साबित हो रहा है कि सरकार विकास में सीधे तौर पर भेदभाव कर रही है। सरकार ने जलजीवन मिशन में भर्ती में इसी प्रकार का भेदभाव किया है।

जल जीवन मिशन में इस तरह हुआ भेदभाव

विधानसभा में एक प्रशन के जवाब में मिले आंकड़ों के अनुसार विकास में भेदभाव भी ऐसा कि कहीं 100 रुपए खर्च हो रहे हैं तो कहीं 1 रुपए खर्च हो रहा है। विकास में भेदभाव का यह खुलासा विधानसभा में भाजपा के ही विधायक रमेश ध्वाला के द्वारा पूछे गए सवाल में हुआ है। ध्वाला के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत किस विधानसभा क्षेत्र में कितना खर्च हुआ है। जिसमें सामने आया कि जलजीवन मिशन के तहत अभी तक कुल 93860 लाख खर्च किए गए हैं जिसमें से करीब 45 फीसदी राशि दो विधानसभा में ही खर्च की गई है। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र सराज विधानसभा क्षेत्र में 18082 लाख और जल जीवन मिशन के मुखिया मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर में 24312 लाख खर्च किए गए हैं। वहीं विधानसभा में सवाल पूछने वाले ज्वालामुखी के विधायक रमेश ध्वाला के क्षेत्र में 3.88 लाख ही खर्च किए गए हैं। इसके अलावा पांउटा साहिब में 6.67 लाख, भरमौर में 6.92 लाख, कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में 9.77 लाख, मंडी सदर विधानसभा में 24 लाख के करीब खर्च हुआ है। इसी तरह अन्य विधानसभा क्षेत्र में काफी कम खर्च हुआ है। भाजपा विधायकों, सरकार के मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में भी काफी कम खर्च हुआ है तो फिर कांग्रेस के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में सरकार ने कितना खर्च किया होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। इस तरह मुख्यमंत्री बिना भेदभाव के विकास का दाबा करते हैं वहीं सरकार रिकार्ड ने मुख्यमंत्री के दाबों की पोल खोल दी है। विकास में हो रहे भेदभाव को लेकर भाजपा के ही विधायक रमेश ध्वाला ने सरकार को घेरा है। वहीं कांग्रेस भी अब इसे मुद्दा बनाकर सरकार की पोल जनता के बीच खोल रही है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में सरकार के इस भेदभाव का खुलासा किया है। विकास में इस तरह का भेदभाव क्यों हो रहा है, इस बारे में सरकारी पक्ष दवाब नहीं दे पा रहा है।
सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत प्रचार पर लाखों रुपए खर्च किए है जिसमें जनता से वायदा किया जा रहा है कि हर घर को नल और हर खेल का जल दिया जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि अगर जन जीवन मिशन के फंड खर्च करने में सरकार इस तरह का भेदभाव करेगी तो पूरे प्रदेश के लोगों को कैसे हर घर में नल और हर खेल को जल मिलेगा।