निगम चुनाव : बागियों से डरी भाजपा, सहमति बनाने में नाकाम रहे अनुशासन की दुहाई देने वाले नेता, अब जीत की राह हुई मुश्किल

शिमला. नगर निगम चुनाव में विजय पताका लहराने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता तन, मन और धन के साथ चुनावी मैदान में डटे हैं। लेकिन भाजपा नेता अपनी ही पार्टी के बागियों से डरी नजर आ रही है। चारों नगर निगम के चुनाव में सबसे अधिक बागी उम्मीदवार भाजपा के ही हैं। जिसमें सबसे अधिक धर्मशाला नगर निगम में भाजपा के बागी मैदान में डटे हैं। भाजपा ने टिकट न मिलने से बागी हुए अपनी ही पार्टी के नेताओं को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन सफलता हासिल नहीं हो सकी। धर्मशाला में देखने में आ रहा है कि लगभग सभी वार्ड में भाजपा के बागी नेता निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में डटे हैं। कई वार्ड तो ऐसे हैं जहां भाजपा के तीन-चार बागी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने सभी बागियों को पार्टी से निलंबित तो कर दिया लेकिन अब भाजपा नेताओं से इन्हीं बागियों से डर लग रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे भाजपा नेता अपने संबंधों के कारण पार्टी के ही वोट बैंक के सेंध लगाएंगे जिससे पार्टी प्रत्याशी को नुकसान होना तय है। बस इसी बात का डर भाजपा नेताओं को सता रहा है। धर्मशाला, मंडी, पालमपुर और सोलन में अभी भी बागियों को मनाने और समर्थन हासिल करने का प्रयास हो रहा है लेकिन लगता है कि अब देर हो चुकी है। जिससे अब कोई भी प्रत्याशी चुनाव मैदान से पीछे हटने को तैयार नहीं है क्योंकि सभी को अपनी जीत दिख् रही है। अब देखना है कि कौन किसका खेल बिगाड़ने में कामयाब होता है और कौन विजय पताका लहराता है। लेकिन यह तय है कि भाजपा के बागियों का मैदान में उतरना खतरे से खाली नहीं है।
निगम चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पार्टी के नेताओं को भाजपा ने निलंबित कर जवाब तलब किया है। अभी भाजपा ने इन नेताओं को पार्टी से निष्काषित नहीं किया है। शायद इसके पीछे रणनीति यही होगी कि निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीत कर आने वाले अपने ही कार्यकर्ताओं के समर्थन से ही निगम बनाया जा सके। इसी रणनीति के चलते भाजपा ने अभी सख्त रुख नहीं अपनाया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने सभी नेताओं को निलंबित किया है।

धर्मशाला से 14 ,पालमपुर से 4 और मंडी से 6 पर हुई कार्यवाही

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि नगर निगम धर्मशाला मंडी और पालमपुर मे पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं की प्राथमिक सदस्यता तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दी गई है साथ ही इन्हें पार्टी के सभी पदों से पद मुक्त भी कर दिया गया है।
धर्मशाला नगर निगम से वार्ड नंबर 1 सुजाता अग्रवाल, वार्ड नंबर 2 निशा नहरिया, वार्ड नंबर 3 दिनेश कपूर, राजेंद्र कुमार, महेंद्र सिंह ,वार्ड नंबर 5 आशा बलौरिया, वार्ड नंबर 6 विजय कॉल, वार्ड नंबर 9 भगवान सिंह, वार्ड नंबर 10 चंपा देवी, वार्ड नंबर 12 रजनी देवी, वार्ड नंबर 13 संजीव कुमार, वार्ड नंबर 14 निशा देवी, वार्ड नंबर 16 सर्वचंद गलगोटिया और वार्ड नंबर 17 डिंपल के ऊपर भाजपा द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
मंडी नगर निगम क्षेत्र से वार्ड नंबर 3 पारस वैद्य मंडल कोषाध्यक्ष , वार्ड नो 6 से बंसी लाल, वार्ड नो 8 से तोश कुमार पूर्व पार्षद, वार्ड नंबर 11 भुनेश्वरी कपूर, वार्ड नंबर 12 निर्मला शर्मा पूर्व पार्षद एवं वार्ड नंबर 13 अंजना कुमारी ज़िला महामंत्री महिला मोर्चा के ऊपर भाजपा द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
पालमपुर नगर निगम क्षेत्र से वार्ड नंबर 1 विजय भट्ट, वार्ड नंबर 4 संजीव सोनी, वार्ड नंबर 6 संजय राठौर एवं वार्ड नंबर 11 किरण धीमान के ऊपर भाजपा द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने बताया कि सभी बागियों को पार्टी द्वारा शो कॉज नोटिस जारी कर दिया गया है जिसमें उनको 15 दिन का समय दिया गया है जिसमें वह अपना स्पष्टीकरण दे सकते हैं। अगर बागियों का जवाब असमर्थता पाया जाता है तो उनकी प्राथमिक सदस्यता को 6 साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा।