विकास में भेदभाव का खुलासा, मुख्यमंत्री का दाबा झूठा, जल जीवन मिशन के सराज में 18082 लाख, धर्मपुर में 26312 लाख और रमेश ध्वाला के क्षेत्र ज्वालामुखी में 3.88 लाख ही खर्च

विकास में भेदभाव का खुलासा, मुख्यमंत्री का दाबा झूठा, जल जीवन मिशन के सराज में 18082 लाख, धर्मपुर में 26312 लाख और रमेश ध्वाला के क्षेत्र ज्वालामुखी में 3.88 लाख ही खर्च
शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तीन साल से दाबा कर रहे हैं कि सरकार विकास में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रही है। लेकिन मुख्यमंत्री का यह दाबा जल जीवन मिशन के तहत खर्च किए गए बजट में साफ दिख रहा है। भेदभाव भी ऐसा कि कहीं 100 रुपए खर्च हो रहे हैं तो कहीं 1 रुपए खर्च हो रहा है। विकास में भेदभाव का यह खुलासा विधानसभा में भाजपा के ही विधायक रमेश ध्वाला के द्वारा पूछे गए सवाल में हुआ है। ध्वाला के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत किस विधानसभा क्षेत्र में कितना खर्च हुआ है। जिसमें सामने आया कि जलजीवन मिशन के तहत अभी तक कुल 93860 लाख खर्च किए गए हैं जिसमें से करीब 45 फीसदी राशि दो विधानसभा में ही खर्च की गई है। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र सराज विधानसभा क्षेत्र में 18082 लाख और जल जीवन मिशन के मुखिया मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर में 24312 लाख खर्च किए गए हैं। वहीं विधानसभा में सवाल पूछने वाले ज्वालामुखी के विधायक रमेश ध्वाला के क्षेत्र में 3.88 लाख ही खर्च किए गए हैं। इसके अलावा पांउटा साहिब में 6.67 लाख, भरमौर में 6.92 लाख, कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में 9.77 लाख, मंडी सदर विधानसभा में 24 लाख के करीब खर्च हुआ है। इसी तरह अन्य विधानसभा क्षेत्र में काफी कम खर्च हुआ है। भाजपा विधायकों, सरकार के मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में भी काफी कम खर्च हुआ है तो फिर कांग्रेस के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में सरकार ने कितना खर्च किया होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। इस तरह मुख्यमंत्री बिना भेदभाव के विकास का दाबा करते हैं वहीं सरकार रिकार्ड ने मुख्यमंत्री के दाबों की पोल खोल दी है। विकास में हो रहे भेदभाव को लेकर भाजपा के ही विधायक रमेश ध्वाला ने सरकार को घेरा है। वहीं कांग्रेस भी अब इसे मुद्दा बनाकर सरकार की पोल जनता के बीच खोल रही है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में सरकार के इस भेदभाव का खुलासा किया है। विकास में इस तरह का भेदभाव क्यों हो रहा है, इस बारे में सरकारी पक्ष दवाब नहीं दे पा रहा है।
सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत प्रचार पर लाखों रुपए खर्च किए है जिसमें जनता से वायदा किया जा रहा है कि हर घर को नल और हर खेल का जल दिया जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि अगर जन जीवन मिशन के फंड खर्च करने में सरकार इस तरह का भेदभाव करेगी तो पूरे प्रदेश के लोगों को कैसे हर घर में नल और हर खेल को जल मिलेगा।