सत्ता का चौथा साल, जनता ने दे दिया सीधा जवाब, काम नहीं आए विकास के दाबे

शिमला. प्रदेश के चार नगर निगम के चुनाव परिणाम ने सत्ता के सभी दाबों को औंधे मुंह गिरा दिया। सरकार बनने के बाद भाजपा को सभी चुनावों में जीत मिली, जिससे सरकार और भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा। सत्ता और संगठन को लगा कि यह जीत विकास के बदले जनता उन्हें दे रही है। इसी आत्मविश्वास के साथ मिशन रिपीट का लक्ष्य लिए सरकार ने निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर कराने का निर्णय ले लिया। सरकार का यह कदम जोखिम भरा तो था ही लेकिन अति आत्मविश्वास में डूबी सरकार ने निर्णय ले लिया और निगम चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल बताकर मैदान में उतर पड़ी। यह सरकार का चौथा साल चल रहा है, जब जनता सरकार के काम काज की समीक्षा भी करने लगती है। शायद जनता की इसी समीक्षा में सरकार खरी नहीं उतरी और जनता ने अपने मत का अधिकार कर सरकार को सीधा जवाब दे दिया। चार नगर निगम के चुनाव में भाजपा को मात्र 1 पर ही पूर्ण बहुमत हासिल हुआ। वह भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में, जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विकास के नाम पर कम और मंडी को मुख्यमंत्री मिलने के नाम पर ज्यादा वोट मांगे। शायद मुख्यमंत्री के सम्मान की खातिर मंडी वासियों ने भाजपा को जिता दिया। पालमपुर निगम में कांग्रेस की भारी जीत हुई तो सोलन में कांग्रेस बहमत हासिल करने में सफल रही। धर्मशाला नगर निगम के परिणाम में भाजपा आगे तो है लेकिन अभी तक बहुमत नहीं है। वहां भाजपा मेयर बनाने में सफल तो हो जाएगी लेकिन निर्दलीय के समर्थन के सहारे ही नैया पार होगी। इन परिणामों में अब पूर्व में हुए पंचायती राज चुनाव की तरह 70-80 फीसदी हमारे जीतने के दाबे नहीं हो सकते। सीधे पार्टी सिंबल पर चुनाव हुए तो साफ हो गया है कि किस पार्टी से कौन जीता कौन हारा। जिससे सरकार दाबे कुछ भी करे लेकिन यह समझना जरुरी है कि सरकार के विकास के दाबे नहीं चले। विकास के दाबे चले होते तो मंडी के साथ धर्मशाला, सोलन और पालमपुर में भी भाजपा को जीत हासिल होती, जैसा दाबा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर परिणाम आने से पहले कर रहे थे। मिशन 2022 में अभी समय है। सरकार के पास विकास करने को डेढ़ साल से अधिक का समय है। इसमें सरकार को मंथन करने और सरकार की कार्यप्रणाली में सुधार करने का समय है, जिसे सरकार कर सकती है। सरकार को मिशन रिपीट को कामयाब करना है तो सरकार के बचे डेढ़ साल में कार्यप्रणाली में अमूलचूक परिवर्तन लाना होगा, नहीं तो मिशन रिपीट पर खतरे के बादल मंडरा सकते हैं।