शिमला की सड़कों पर जयराम सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलते बड़े-बड़े होर्डिंग दिखाई दिए “बदहाल स्कूल कमल का फूल” नाम से लगे पोस्टरों में प्रदेश के स्कूलों की बदहाली दिखाई दे रही है

शिमला. बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार घिरी हुई है। प्रदेश में शिक्षा का यह हाल है कि स्कूलों में कहीं टीचर नहीं है तो कहीं स्कूल का भवन ही नहीं है। प्रदेश के हजारों स्कूल ऐसे हैं जहां पांच कक्षाओं को एक ही टीचर पढ़ा रहा है तो कहीं एक ही रुम में पांच कक्षाएं लग रहीं हैं। एक टीचर कैसे पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाएगा, इसका जवाब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के पास नहीं है। प्रदेश में विकास के दावा करने वाली भाजपा सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए शिमला की सड़कों में अब पोस्टर छाए हुए हैं।
शिमला में सुबह जब लोग उठे तो उन्हें “बदहाल स्कूल कमल का फूल” पोस्टर शिमला की सड़कों में लगे दिखे। इन बड़ी-बड़ी होर्डिग्स में हिमाचल के अलग-अलग जिलों के स्कूल की टूटी दीवार हैं, गंदे शौचालय, उबड़-खाबड़ मैदान, दिखाई दे रहे हैं ।नीचे बड़े बड़े अक्षर में लिखा है “यह दीवारें नहीं टूट रही हैं यह आपके बच्चों के सपने टूट रहे हैं”। बदहाल शिक्षा व्यव्सथा से आप अंदाजा लगा सकता है कि हिमाचल में जयराम सरकार ने शिक्षा पर कितना काम किया। एक हिमाचली होने के नाते मैं यह सोचता हूं कि पिछले कई दशकों से सरकारों ने शिक्षा पर ध्यान क्यों नहीं दिया, क्योंकि शिक्षा कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बना?। हिमाचल के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री कभी शिक्षा पर बात करने को तैयार नहीं है और न ही शिक्षा को मुद्दा बनाकर जनता से वोट मांगते हैं।