बल्क ड्रग पार्क पर मुख्यमंत्री के दाबे पर मुकेश अग्निहोत्री का हमला, कांग्रेस सरकार के समय मिली सैद्यांतिक मंजूरी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर आज हरोली दौरे के दौरान bulk drug park को लेकर दावे जताते दिखे। हम उनसे कहना चाहते है कि पहले तो वह इस सिलसिले में 30 april, 2016 की अखवारो का अवलोकन कर लें। प्रदेश में उस समय श्री वीरभद्र सिंह की सरकार थी और हम उसमें उद्योग मंत्री थे। टूल रूम को जनता को समर्पित करने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार आए थे जिन्होंने मंच से हिमाचल को bulk drug park dene की सार्वजनिक घोषणा सेदांतिक तौर पर की थी। आप को याद दिलाना चाहते हैं कि बदी के इस कि मंच से माँग ही नही पेरबी हम ने की थी। इसलिए नीचे की हमारी पोस्ट का भी अवलोकन कर लें जो 27 जून 2020 की है जिस में हमने हरोली में पार्क की स्थापना पर अपना साफ़ नज़रिया रखा हुआ है। इस में हमें आप की सलाह की ज़रूरत नही है। सरकारें निरंतरता में चलती है जिस सोच को हम ने परिलक्षित किया उसे आगे बढ़ाओ।अब आप मुख्यमंत्री हैं हारे -पीटे छूट भईयों की चंडुखाने की बातों से हट कर बात किया करें। हम विकास और कल्याण की राजनीति करते हैं और करते रहेंगे कम से कम हमें इस बाबत किसी के प्रमाण पत्र की ज़रूरत नही है।बल्क पार्क बनना और उस में पूँजीनिवेश भविष्य की बातें हैं।अभी तो मामला दूसरे राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा में पार पाना है इसलिए पूँजीनिवेश रोज़गार बहुत दूर है। झूठ परोस के काम नही होगा। हम आप से कहना चाहते है कि हरोली के विकास के लिए सौदे बाज़ी से कुछ नही होगा, यह कहना कि एक हाथ लो दूसरे हाथ दो तो इतना बता देते हैं कि हरोली के विकास और कल्याण में हम सक्षम हैं, ये हरोलीयंज को भी पता है।आप हमारा विकास क्या करेंगे, पहले अपना हवाई अड्डा तो बना लो, जो काग़ज़ों में है। हम अपना ड्रग पार्क बना लेंगे आप अपना हवाई अड्डा किसी भी तरह बना लें, यह हमारी शुभ कामनाएँ रही।बहाँ भी किसान ज़मीनो के दाम को लेकर भड़के हुए हैं, उन्हें फेक्टर टू के तहत ज़मीनो के दाम दिलवायो। जहां तक हरोली ड्रग पार्क का सवाल है तो ज़मीन के एक लाख के फ़र्ज़ी हलफ़नामों का अधिकार आपको किस ने दे दिया।किसानो को ज़मीन की दरें फ़ैक्टर टू पर ही देनी पड़ेंगी।रेस्ट हाउस में दलाल ओने पोने दाम देकर किसान से धोखा नही कर सकते और ना ही हम करने देंगे। लोगों के हकूक- चरान बगेरा के मामले हल करके ही आगे बढ़ा जाएगा, कोई हिट्लरशाही नही है। चालीस हज़ार के आस पास पेड़ कटने हैं तो वेकल्पिक जगह लगने भी हैं।हरोली हलकों में ज़मीनो के दलालों ने आजकल ज़मीनो की ख़रीदो फ़रोख़्त का जो आतंक मचा रखा है उस का भी अपनी ऐजंसीयों से पत्ता करवा लेना। पाप का घड़ा भर चुका है।ड्रग पार्क के मुद्दे जिन्होंने भाजपा छोड़ी है उन्होंने पूरे जीवन भाजपा के बूथ लगाए। मंचो से उन्हें कोसने की बजाय उनसे ग़ुस्से की बज़ह जानते तो बेहतर रहता।क़ाबिले ज़िक्र है कि हरोली इस से पहले हम फ़ूड पार्क भी बना चुके हैं।…