सियासत : ये मुलाकात एक बहाना है

 

शिमला. जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र की सियासत में फिर एक नए अध्याय की शुरुआत होनी जा रही है। ऐसा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चेतन बरागटा की मुलाकात से कहा जा सकता है। बजट पर बधाई देने के बहाने चेतन बरागटा ने जुब्बल कोटखाई के अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की है। चेतन बरागटा ने अपने सोशल मीडिया में पोस्ट शेयर कर कहा कि जुब्बल नावर कोटखाई के भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्षों व कार्यककर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की और लोककल्याण कारी बजट प्रस्तुत करने पर धन्यवाद किया। इस पोस्ट में चेतन बरागटा के साथ दर्जनों समर्थक भी नजर आ रहे हैं। जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में चेतन बरागटा को टिकट नहीं मिला। टिकट न मिलने से खफा चेतन ने अपने समर्थकों की मांग पर निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहीं नीलम की जमानत भी नहीं बची। चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर को जीत मिली और चेतन बरागटा कड़े मुकाबले में दूसरे नंबर पर रहे। पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण भाजपा संगठन ने चेतन सहित उनके समर्थकों पर कार्यवाई करते हुए निष्काषित कर दिया। भाजपा नेताओं ने यहां तक कहा कि चेतन बरागटा की कभी पार्टी में वापसी नहीं होगी। लेकिन अब चेतन बरागटा ने सीधे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री द्वारा चेतन बरागटा से मिलने का समय देना और फिर मिलना, सियासत में बहुत कुछ इशारा करता है। मुख्यमंत्री कह सकते हैं कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं तो सबसे मिल सकते हैं और सबकी समस्या सुन सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री से चेतन बरागटा की मुलाकात से सियायत में यह मायने निकाले जा सकते हैं कि क्या फिर से चेतन बरागटा सरकार और भाजपा से नजदीकियां बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में 6 माह बाद विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। भाजपा मिशन रिपीट करने का दावा कर रही है। जिससे भाजपा के लिए एक एक सीट महत्वपूर्ण है। शायद भाजपा नेता यह सोच रहे हों कि आगामी विधानसभा चुनावों में भी चेतन पार्टी से बाहर रहे तो पार्टी को फिर नुकसान हो सकता है। जुब्बल कोटखाई में अपने पिता स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा की विरासत संभाले चेतन बरागटा का जनाधार मजबूत है जो उपचुनावों में साफ दिखाई दिया है। भाजपा के लिए भी चेतन बरागटा का साथ फायदेमंद होगा। अब देखना है कि बगावत के बाद मुख्यमंत्री से चेतन बरागटा की पहली मुलाकात आगे कहां तक बढ़ती है। ऐसा कहा जा सकता है कि चेतन की भाजपा में वापसी का रास्ता बनाया जा रहा है जो विधानसभा चुनाव के पहले साफ होगा।