सुधीर शर्मा ने भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री को घेरा, जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम के लिए 18 करोड़ के टेंडर को 36 करोड़ में आबंटित किया

मंडी. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा में मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा। सुधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम के लिए 18 करोड़ का टेंडर को मुंबई की फर्म को 36 करोड़ में आबंटित किया।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम के पहले चरण में प्रदेश पर्यटन निगम ने मुंबई की एक कंपनी को 18 करोड़ की अनुमानित लागत वाले टेंडर को 36 करोड़ में आबंटित किया है।

सुधीर शर्मा ने कहा है कि  इस कार्य के लिये निविदायें 20 -11- 2020  से 25 -11- 2020  के बीच आमन्त्रित की गईं थी। इन निविदाओं में इस कार्य की अनुमानित लागत 18 करोड़ रखी गयी थी। चार कम्पनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। 25 -2 -2021 को यह काम मुंबई की एक कंपनी को 36 करोड़ में आंबटित कर दिया गया है। सुधीर शर्मा ने इस परियोजना के निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इस टेंडर के आबंटन से सम्बंधित एक पत्र भी मीडिया को जारी किया है।

सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन विभाग का जिम्मा मुख्यमन्त्री के पास है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि जनता को बताया जाए कि यह कार्य 18 करोड़ से 36 करोड़ का कैसे हो गया ?

सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार से इस मामले की जांच कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कारवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि मुंबई स्थित जिस कंपनी को उक्त काम आबंटित किया गया है, उस कम्पनी के प्रोमोटर्स और निदेशक कौन हैं?

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार इस मामले की जांच नहीं करवाती है तो सत्ता में आने पर कांग्रेस इस मामले की जांच करवायेगी।

सुधीर शर्मा ने कहा कि मंडी नगर को छोटी काशी कहा जाता है।

यहां पर भूतनाथ, पच्वक्त्र महादेव, त्रिलोकीनाथ, महामृत्युंज सहित 81 एतिहासिक मन्दिर स्थित हैं। उन्होंने कहा कि छोटी काशी के इस * *ऐतिहासिक मंदिरों के साथ गहरी आस्था जुड़ी है। उन्होंने कहा कि छोटी काशी के अधिकतर मंदिरों की दिशा दयनीय है और कई मंदिरों की दीवारों और छतों पर झाडियां उग आई हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने सदियों से लोगों की आस्था के केंद्र और लोकसंस्कृति का हिस्सा रहे इन मंदिरों के जीर्णोद्वार के बजाए * *शिवधाम को प्राथमिकता दी है, जहां स्थानीय लोगों धार्मिक आस्था की जगह पर्यटन गतिविधियां सरकार की प्राथमिकता है।

जहां स्वयंभू भूतनाथ हों वहाँ अन्यत्र स्थान पर शिवधाम की स्थापना वह भी बिना फ़ॉरेस्ट विभाग की औपचारिकताओं के बिना चाहे हेलीपेड हो या पेड़ों का कटान हो उस समय के ज़िलाधीश ने मानो जैसे अपने हाथ काटकर वर्तमान सरकार को दे दिए थे।

समय बलवान है सच प्रदेश की जनता के सामने आएगा की कैसे जनता के पैसे को कुच्छ पूँजीपतियों के साथ मिलकर आस्था का सौदा किया।