चुनाव प्रचार में अग्निहोत्री की ‘आग’ में झुलस गई भाजपा, पलटवार में मंत्रियों ने नहीं दिया जयराम का साथ, कांग्रेस नेता में है मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने का हुनर

शिमला. प्रदेश में हुए उपचुनाव में जीत का खेल पूरी तरह मुद्दों पर खेला गया। कांग्रेस ने सियासी रणनीति के तहत चुनावी मैदान में मुद्दों की ऐसी बरसात की, जिसका जवाब देने में सत्ताधारी भाजपा के नेता पिछड़ गए। जिसका परिणाम रहा कि देश व प्रदेश में स्थापित भाजपा सरकार को चारों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। चुनावी सियासत में जनहित के मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने में माहिर विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने चुनावों की घोषणा के समय से सरकार को घेरना शुरु किया। अग्निहोत्री ने चुनाव प्रचार आगाज ही मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी संसदीय क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव से किया और सीधी हमला मुख्यमंत्री पर करते हुए पूछा कि वह एक काम बताएं जो मंडी में किया हो। सरकार को नान परफार्मर साबित करने के साथ महंगाई, खनन माफिया का मुद्दा, मंत्रियों के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। इसके साथ मंडी संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के रिश्तों को पुनजीर्वित किया, जिसका फायदा सहानुभूति के रुप में भी कांग्रेस को मिला। मुकेश अग्निहोत्री के आक्रामक हमलों से कांग्रेस फ्रंटफुट पर आई तो भाजपा बैकफुट पर नजर आई। अग्निहोत्री के हमलों के जवाब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तो देते रहे लेकिन मुद्दों के सियासत पर भाजपा हावी नहीं हो सकी। जिसके कारण ही भाजपा परिणामों में पिछड़ गई और कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की। प्रदेश में सत्ताधारी दल भाजपा की चारों सीटों पर हार की गूंज दिल्ली तक पहुंची। हिमाचल में सत्ताधारी भाजपा को चारों सीटों में मिली हार नेशनल न्यूज बनी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह प्रदेश में भाजपा की हार की आंच नड्‌डा के दामन तक पहुंची तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी कटघरे में खड़े हुए। हार के तत्काल बाद सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम कम किए।  

प्रदेश की तीन विधानसभा जुब्बल- कोटखाई, अर्की व फतेहपुर के साथ मंडी लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव की चारों सीटों पर कांग्रेस ने परिवारवाद के तहत प्रत्याशी उतारे। मंडी संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा तो फतेहपुर में स्वर्गीय सुजानसिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह को टिकट दिया। जुब्बल कोटखाई में भी रोहित ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर की सियासी विरासत को संभाले हुए आगे आए। वहीं अर्की भी वीरभद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी। वहीं भाजपा ने सत्ता के दम पर चुनाव जीतने की दम भरते हुए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे। हमेशा ऐसा रहा कि उपचुनाव सत्ताधारी दल ही जीतता है, जिस पर भाजपा ने पूरा भरोसा किया और चुनाव की कमान मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों ने संभाल रखी। लेकिन अबकी बार उपचुनाव में सत्ताधरी दल का सफाया हो गया।

 उपचुनाव का राजनैतिक विश्लेषण में यह बात सामने आई कि जमीनी मुद्दों को उठाकर कैंपन में जो दल आगे निकल गया, जनता उसके समर्थन में आ जाती है। बस इसी का फायदा कांग्रेस को मिला। कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकेश अग्निहोत्री चुनाव में मुद्दों की बुनियाद में कैंपेन के महत्व को समझते हैं। जिसके चलते ही अग्निहोत्री ने प्रचार के पहले दिन से ही जमीनी मुद्दों को जोर शोर से उठाकर कैंपेन को तेजी से आगे बढ़ाया। चुनावों में सबने देखा है कि प्रत्याशियों के नामांकन के बाद प्रचार समान्य रुप से चलता रहा। लेकिन सियासी मुद्दों को उठाकर चुनावों में सियासी पारा बढ़ाने का काम मुकेश अग्निहोत्री ने किया। अग्निहोत्री सीधे मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी पहुंचे और मीडिया के सामने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सीधे तौर पर नाकाम साबित करने का प्रयास किया। अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को चेलेंज करते हुए कहा कि वह मंडी संसदीय क्षेत्र में एक विकास का कार्य बता दें, जो उनकी सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री एक काम पर हाथ रखकर कह देंगे कि यह उनकी सरकार का विकास है तो कांग्रेस भी उनके कार्य का प्रचार करेगी। बस यहीं से अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को घेरना शुरु कर दिया। इसके साथ ही महंगाई का मुद्दा उठाया। पेट्रोल, डीजल, गैस, सरसों के तेल की बढ़ी कीमतों को अग्निहोत्री ने हर मंच से बताया। वहीं मंडी जिले से सरकार में मंत्री के भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर घेरने का प्रयास किया। वहीं भाजपा सरकार में खनन माफिया, नशा माफिया, ठेकेदार माफिया, तबादला माफिया के हावी होने के आरोप भी चुनावी मंच से उठाए। इन्हीं मुद्दों को लेकर मुकेश अग्निहोत्री मंडी संसदीय में आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के दौरान उठाए। मंडी संसदीय क्षेत्र के साथ अग्निहोत्री ने जुब्बल कोटखाई, अर्की और फतेहपुर के प्रचार की कमान भी संभाली। अपनी रणनीति के तहत मतदान के दो दिन पूर्व अर्की, फतेहपुर में बड़ी रैलियों का आयोजन का शक्ति प्रदर्शन किया और कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने में कामयाब रहे।  मुकेश अग्निहोत्री के आक्रामक हमलों का जवाब सत्ताधारी दल के ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही देते रहे लेकिन कोई भी मंत्री और भाजपा संगठन के नेता अग्निहोत्री पर जवाबी हमला करने में नाकाम रहे। भाजपा नेता ऐसा कैंपेन खड़ा नहीं कर पाए कि जनता के बीच गूंजते मुकेश अग्निहोत्री के मुद्दों पर हावी हो सकते। जमीनी मुद्दों को जनता के बीच उठाकर कैंपेन में आगे निकली कांग्रेस विजय पताका लहराने में कामयाब रही। जिससे अब सत्ता के फाइनल मैच को जीतने के लिए कांग्रेस मबजूत पायदान पर खड़ी है। चारों सीटों पर  कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय लेने के लिए कांग्रेसी नेताओं में होड़ लगी है लेकिन चुनाव की जमीनी हकीकत यही है कि मुकेश अग्निहोत्री ने जमीनी मुद्दे उठाकर चुनावी कैंपेन को तेज किया और कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार हुआ।