मुख्यमंत्री ने दी मुकेश अग्निहोत्री को सीधी चेतावनी : जमीन में रहें नहीं तो जनता जमीन में गाढ़ देगी

शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सीधे तौर पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन में रहें नहीं तो लोग जमीन में गाढ़ देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की जमीन खिसक गई है, जो यहां नेता बनने का प्रयास कर रहे हैं वो पंचायत भी नहीं बचा पाए है जिससे बौखलाहट में ऐसा कर रहे हैं। विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों के द्वारा किए गए हंगामे और विरोध प्रदर्शन ने हिमाचल की संस्कृति को खराब करने का प्रयास किया है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सीधे कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार संवैधानिक पद पर विराजमान राज्यपाल के साथ अशोभनीय व्यवहार किया गया, जो प्रदेश की शर्मसार करने वाला है। बजट भाषण के बाद उनको जाने से रोका गया और उनकी गाड़ी को कांग्रेस विधायकों ने घेरा, जो कि निंदनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार कांग्रेस को जो भी बात कहनी है सदन में कहे, उनको जवाब दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में शीर्ष और समझदार नेतृत्व का आभाव है। शीर्ष नेतृत्व की अनदेखी हो रही है जिससे कुर्सी पाने के लिए सभी नेता हंगामा खड़ा कर सुर्खियों में रहना चाह रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जनता के बीच कांग्रेस की पूरी तरह सफाया हो गया है। पंचायत चुनाव में हंगामा करने वाले नेता अपनी पंचायत में भी चुनाव नहीं जीत सके हैं। इस बौखलाहट में कांग्रेस के नेता हंगामा करते रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परंपरा के अनुसार ही राज्यपाल महोदय ने विधानसभा में अपना अभिभाषण पढ़ा। इसी विधानसभा में ऐसा हुआ है कि कभी राज्यपाल ने थोड़ा भाषण ही पढ़ते हैं और पूरा पढ़ा हुआ माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में नारे लगना ठीक है लेकिन राज्यपाल को जाने से रोकना उचित नहीं है। इस दौरान विपक्ष के नेता ने गवर्नर के एडीसी के गले में हाथ डाला, यह उचित नहीं है। यह बहुत ही निंदनीय है। विपक्ष के नेता गाड़ी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो अशोभनीय है। जिससे हिमाचल की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता या विधायक होने का मतलब यह नहीं है कि वह कानून से ऊपर हो गए। वीडियो देखकर सभी बातों का अध्ययन किया जाएगा और विधानसभा अध्यक्ष सभी पहलुओं का अध्ययन कर आगे कार्रवाई करेंगे। हिमाचल की परंपरा रही है कि यहां शालीनता और शांति के साथ ही विरोध किया जाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमसे लड़ना है तो हमारा रास्ता रोकें। हम जिंदा बाद और मुर्दाबाद सुनने का तैयार हैं लेकिन राज्यपाल के साथ ऐसा बर्ताव कभी नहीं होंने देंगे। हिमाचल प्रदेश की ऐसी संस्कृति नहीं रही है।