मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष और सुक्खू को सीएलपी की कुर्सी सौंपने पर हाईकमान कर रहा मंथन, विधायकों की भी सहमति

शिमला. मिशन 2022 को कामयाब करने के लिए कांग्रेस हाईकमान मंथन कर रहा है। नए जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद और विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर नई ताजपोशी की रणनीति बन रही है। कांग्रेस हाईकमान मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष पद तो सुखबिंदर सिंह सुक्खू को सीएलपी की कुर्सी सौंपने पर विचार कर रहा है। पार्टी के दोनों युवा और तेजतर्रार नेताओं की ताजपोशी के लिए पार्टी के अधिकांश विधायकों की सहमति भी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला से दिल्ली में मिले विधायकों ने अपना मत प्रकट किया है। जिससे हाईकमान प्रदेश के जातीय समीकरण का संतुलन बैठाते हुए ब्राम्हण समुदाय से मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी तो राजपूत वर्ग से सुखविंदर सिंह सुक्खू की सीएलपी की कुर्सी सौंपने पर मंथन कर रहा है। जिससे दोनों युवा नेता विधानसभा से लेकर विधानसभा क्षेत्रों तक वर्तमान भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर सकें और मिशन 2022 को कामयाब कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में सफल हों।

कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की मांग लंबे समय से चल रही है। पार्टी के दिग्गज नेता लगातार हाईकमान से मिलकर प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी जताते रहे हैं। प्रदेश में हुए उपचुनावों में चारों सीटों पर कांग्रेस की जीत के साथ उत्साहित विधायकों और नेताओं ने बदलाव की मांग तेज कर दी है। प्रदेशाध्यक्ष पद के दावेदारों में प्रमुख रुप से मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर और रामलाल ठाकुर हैं। वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के दावेदारों में सुखविंदर सिंह सुक्खू, आशा कुमारी और हर्ष वर्धन चौहान प्रमुख नाम हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखबिंदर सिंह सुक्खू को गत विधानसभा चुनावों के समय ही प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया गया था। जिससे अब सुक्खू को विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद देने पर मंथन हो रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद चार साल तक विधानसभा में जनता के मुद्दे उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी सौंपने पर मंथन हो रहा है। मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष और सुक्खू को विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस पार्टी के अधिकांश विधायकों के बीच सहमति है। यह बात विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान धर्मशाला में एकत्र हुए विधायकों ने पार्टी के सह प्रदेश प्रभारी संजय दत्त के समक्ष रखी थी। अब इसके बाद दिल्ली में प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के समक्ष भी अपनी बात रखी है। जिससे तय है कि प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की मुहिम तेज होने से पार्टी हाईकमान जल्द ही बदलाव का निर्णय ले सकता है। वहीं उपचुनाव में मिली कांग्रेस पार्टी की जीत का श्रेय लेने की होड़ भी कांग्रेसी नेताओं के बीच लगी है। जिससे पार्टी का एक गुट हाईकमान के समक्ष यह पक्ष भी रख रहा है कि वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष और सीएलपी नेता की जोड़ी को ही जारी रखा जाए। लेकिन बदलाव का आवाज तेज होने के कारण अब हाईकमान बदलाव का निर्णय जल्द ले सकता है। क्योंकि पार्टी के विधायकों ने हाईकमान के समक्ष दवाब बनाया है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत के लिए बदलाव करना बहुत ही जरुरी है। जिससे कि उपचुनावों में मिली कांग्रेस पार्टी की जीत से उत्साहित कार्यकर्ताओं में नए चेहरों के साथ जोश भरा जाए और मिशन 2022 को कामयाब किया जाए।