पंजाब में अपनी फजीयत को बचाने के लिए बीजेपी ने रचा है सिक्योरिटी लैप्स का ड्रामा : राणा

स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर हुए हैं हमले लेकिन उन्होंने कभी भी नहीं कहा कि धन्यवाद देना कि मैं जिंदा लौट आई हूं
हमीरपुर 15 जनवरी
लोकतंत्र को तमाशा बना चुकी ड्रामेबाज बीजेपी जनता का ध्यान आम आदमी के मुद्दों से भटकाने के लिए प्रधानमंत्री सिक्योरिटी लैप्स के नाम पर अब तरह-तरह के ड्रामे रचने लगी है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि पंजाब में हुए सिक्योरिटी लैप्स की कहानी कोई और ही है। दरअसल में पंजाब में जिस रैली को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री जा रहे थे। उस रैली में लोग ही नहीं पहुंचे थे। लाखों की भीड़ के दावे के बावजूद प्रधानमंत्री के पहुंचने से कुछ घंटे पहले तक वहां मात्र सैकड़ों की भीड़ थी।  इस बात की सूचना प्रधानमंत्री को लग चुकी थी। जिसके मद्देनजर रैली स्थल पर हैलीकॉप्टर से न पहुंचकर सड़क का रास्ता अपनाया गया। सड़क की जर्नी में घंटों का समय लगने के बावजूद भी रैली स्थल पर लोग नहीं आए तो फिर बीजेपी ने नया ड्रामा रचा। जिसमें वापसी में प्रधानमंत्री ने अपना डॉयलॉग यह रखा कि अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना कि मैं जिंदा लौट आया हूं। राणा ने कहा कि दरअसल में पंजाब में बीजेपी को लोग कतई पसंद नहीं कर रहे हैं। वहां बीजेपी की सियासी हालत लगातार पतली हो चुकी है। पंजाब की जनता को बीजेपी में कोई भरोसा बाकी नहीं बचा है। करीब एक साल तक सड़क पर भटकते और बिलखते किसानों में बीजेपी के प्रति जबरदस्त आक्रोश है। किसानों की नाराजगी बीजेपी के प्रति पंजाब में नफरत में बदल चुकी है। ऐसे में पंजाब में अपनी जमीन खिसकती देख बीजेपी अब सिक्योरिटी लैप्स के नाम पर तरह-तरह के ड्रामे रच रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पर जनता का गुस्सा पहली बार नहीं फूटा है। इससे पहले भी 1960 में भुवनेश्वर में आक्रोशित युवाओं द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मंच पर पत्थर मारे गए थे। पत्थर उनकी नाक पर लगा था। जिसमें उनकी नेजल बोन व लिप्स को पत्थर की चोट के कारण काफी नुकसान हुआ था। लेकिन स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कभी भी जन आक्रोश का इस्तेमाल सियासत के लिए नहीं किया। तब उन्होंने कहा था कि देश में मुझे काफी लोग प्यार करते हैं लेकिन कुछ लोग नफरत भी करते हैं। लेकिन कांग्रेस का धर्म गलत से लडऩा है न कि आक्रोशित लोगों को कुचलना है। स्व. इंदिरा गांधी ने कभी नहीं कहा कि धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट आई हूं। लोकतंत्र में यही एक मूलमंत्र कांग्रेस और बीजेपी की सोच में है कि यहां अपनी फजीयत को बचाने के लिए प्रधानमंत्री बिना कुछ हुए कह रहे हैं कि अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना कि मैं जिंदा लौट आया हूं और इसी बात पर अब नित नए ड्रामे रचे जा रहे हैं। कारण साफ है कि बीजेपी लगातार बढ़ रही महंगाई, लगातार बढ़ रही बेरोजगारी, लगातार बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दाम और लगातार जीवन जीने की कठिनाईयों के बढऩे पर आम आदमी के मुद्दों पर ध्यान भटकाने के लिए रोज नए-नए ड्रामे कर रही है। राणा ने कहा कि असल बात यह है कि बहुसंख्यक आबादी के आम आदमी के मुद्दों को भटकाने व हटाने के लिए बीजेपी इस तरह की ड्रामेबाजी कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि बीजेपी के झूठों से तंग आ चुकी जनता अब बीजेपी को विदा करने का मन बना चुकी है।