समर्पण के साथ सुक्खू का साथ देने वाले बिट्‌टू को मिला तोहफा

 

 

शिमला. सहज और सरल स्वभाव के धनी सुनील शर्मा बिट्‌टू को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। बिट्‌टू को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना राजनैतिक सलाहकार बनाया है। सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली नियुक्ति कैबिनेट रैंक के साथ राजनैतिक सलाहकार के रुप में सुनील शर्मा की हुई है, जो बड़ी बात है। सुक्खू के लंबे राजनैतिक जीवन में बिट्‌टू ने राजनैतिक सलाहकार की भूमिका निभाई है। बिट्‌टू सुक्खू के साथ उस समय से खड़े हैं, जब सुक्खू विधायक भी नहीं बने थे। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष की भूमिका में सियासत कर रहे थे। बिट्‌टू ने समर्पण के साथ सुक्खू का साथ दिया और हर मोर्चे पर सुक्खू का राजनैतिक झंडा बुलंद करते रहे। जिससे सरकार बनने पर राजनैतिक सलाहकार की बड़ी भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सुनील शर्मा को सौंपी गई है।

सुक्खू की तरह ही सुनील शर्मा भी एक बहुत ही समान्य परिवार से आते हैं। बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सुनील शर्मा ने बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने का काम शुरु किया और राजनैतिक रुप से सुक्खू के साथ कार्य करते रहे। इसके बाद परिवार के जीवन यापन के लिए बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए हमीरपुर जिले में एक स्कूल भी खोला। जिसमें सुनील शर्मा अपनी पत्नी के साथ मिलकर काम करते हैं। सुनील शर्मा हमेशा सुक्खू के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहे तो कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही के रुप में भी मैदान में डटे रहे। गत दो विधानसभा चुनावों के दौरान बिट्‌टू ने कांग्रेस से टिकट के लिए दावेदारी की, लेकिन हाईकमान ने टिकट नहीं दिया। टिकट न मिलने की दशा में भी बिट्‌टू ने हाईकमान के निर्णय को सरमाथे पर लगाकर पार्टी के लिए काम किया। बिट्‌टू ने कभी भी पार्टी हाईकमान के निर्णय पर सवाल नहीं उठाए। जिसे तरह हाईकमान ने पार्टी के एक सामान्य परिवार से आने वाले पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। उसी तरह सुक्खू ने भी समान्य परिवार से आने वाले सुनील शर्मा बिट्‌टू को कैबिनेट रैंक के साथ राजनैतिक सलाहकार के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। जिससे कांग्रेस पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश दिया है कि धैर्य से साथ समर्पण भाव से संगठन के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जाती है।