सहकारी क्षेत्र में कम किए गए टैक्स और सरचार्ज ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिकी को गति प्रदान करेंगे:धूमल*

*पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 की सराहना करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री का धन्यवाद किया व्यक्त*
हमीरपुर 1 फरवरी 2022
                 आज लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के लिए एक सर्व स्पर्शी बजट प्रस्तुत किया है जिसका मैं स्वागत करता हूं। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत किए गए बजट 2022-23 पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही है। उन्होंने कहा कि  बजट में समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों को राहत प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
                पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र इस बात से दुखी था कि कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स 15% भरना पड़ता है जबकि सहकारी क्षेत्र के लोगों को 18.5% टैक्स देना पड़ता था, अब उसकी दर भी 15% कर दी गयी है। साथ ही सहकारी समितियों के ऊपर जो सरचार्ज पहले 12% लगता था उसकी दर भी कम करके 7% कर दी गई है। यह स्वागत योग्य कदम है और ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिकी को यह कदम गति प्रदान करेगा।
                पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में चल रही लोकप्रिय योजनाएं जैसे कि हर घर नल से जल योजना के लिए 60000 करोड रुपए का प्रावधान और आवास योजना के लिए 48000 करोड रुपए का प्रावधान इस बार के बजट में किया गया है यह भी स्वागत योग्य कदम है। रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ाते हुए 68% कर दिया गया है जो कि पिछली बार 58% था, आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा जिसका हम स्वागत करते हैं। केंद्रीय बजट में आम व्यक्ति को राहत प्रदान करते हुए दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं के दाम कम किए गए हैं।
                पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की महत्वता को समझते हुए इस बार के बजट में रसायन मुक्त प्राकृतिक कृषि और आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने की बात की गई है। कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई कई वस्तुओं के दाम करने की बात की कम की गई है। फसलों का मूल्यांकन करने के लिए कृषि ड्रोन का इस्तेमाल करने की बात की गई है। फसलों का एमएसपी सीधे किसानों के खाते में डाले जाने की बात कही गई है। गंगा के किनारों के 5 किमी. के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। खेती की जमीन के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होगा। राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा, ताकि खेती की लागत को कम किया जा सके।
               पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समाज के हर वर्ग का ध्यान इस बजट में रखा गया है तो कर्मचारियों को भी राहत देने की बात की गई है जहां एनपीएस के तहत कर्मचारियों को पहले प्रदेशों में 10% की राहत दी जाती थी उसको भी बढ़ाकर 14% कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त इस साल आरबीआई डिजिटल रुपया जारी करेगी। इससे इकोनॉमी को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स लगाया जाएगा। वर्चुअल डिजिटल असेट्स के टैक्सेशन में बदलाव किया गया है। ऐसी किसी भी प्रॉपर्टी के ट्रांसफर पर 30% टैक्स लगेगा। देश की आर्थिकी को मजबूत करने में यह सभी कदम सहायक सिद्ध होंगे।
               पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार बढ़ाने में बड़े, लघु और सूक्ष्म उद्योगों को मदद प्रदान करने और महामारी के असर से बाहर निकलने के लिए पूँजी निवेश किया जाएगा जिसके लिए केंद्रीय बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7.55 लाख करोड़ का प्रावधान कर दिया गया है। MSME को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू होंगी। 5 साल में 6000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। डाकघरों के खाताधारकों को अब नेट बैंकिंग और एटीएम जैसी सुविधाएं मिलेंगी जिससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे। यह सभी कदम विकसित भारत की दिशा की ओर देश को अग्रसर करेंगे।