15 दिनों के भीतर 120 दिनों का गारंटी रोजगार, नहीं हुआ तो बेरोजगार भत्ता के रूप में प्रतिदिन 75 रुपये प्रदान किए जाएंगे

शहरी विकास मंत्री ने आजीविका योजनाओं की समीक्षा की
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान महत्त्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना’ तथा ‘दीन दयाल अन्तोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’ की समीक्षा की।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह दोनो योजनाएं रोजगार से संबंधित हैं तथा आत्मनिर्भर भारत की संरचना में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष मई माह में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना आरम्भ की थी। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गारंटी रोजगार प्रदान करना है। योजना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के निवासियों को जाॅब कार्ड जारी करने के 15 दिनों के भीतर 120 दिनों का गारंटी रोजगार प्रदान किया जाएगा। यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो उन्हें बेरोजगार भत्ता के रूप में प्रतिदिन 75 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
योजना की समीक्षा करते हुए शहरी विकास मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों के कुल 3545 लोगों ने पंजीकरण करवाया है, जिनमें से 2447 लोगों को जाॅब कार्ड जारी किए गए हैं। कुल 2099 लोगों को कार्य प्रदान किए गए थे, जिनमें से 1808 लोगों ने कार्य स्वीकार किए। इस योजना के तहत प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों में 1009 लोगों ने अधोसंरचना सम्बन्धित कार्य जबकि 799 लोगों ने स्वच्छता सम्बन्धित कार्य स्वीकार किए।
सुरेश भारद्वाज ने अधिकारियों को इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए तथा कहा कि यह योजना नई है तथा हमें इसे लोकप्रिय बनाना चाहिए।
दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को इस योजना को कोविड-19 के दौरान सफल बनाने के उपाय तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस योजना के तहत लक्ष्य हासिल करता आया हैं तथा इस योजना के तहत और लोगों को कवर करने के लिए प्रयास जारी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना के तहत 1.54 करोड़ रुपये खर्च किए गए है, जबकि 3.64 करोड़ रुपये अभी खर्च किए जाने हैं।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 200 के निर्धारित लक्ष्य से भी ज्यादा 324 स्वयं सहायता समूह स्थापित किए गए। यह योजना शहरी रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए सहायक प्रणाली के रूप में भी कार्य कर रही है। कुल 4054 रेहड़ी-फड़ी वालों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं। इसके अलावा 3798 प्रमाण पत्र भी जारी किए गए हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार 54 शहरी स्थानीय निकायों में 5790 रेहड़ी-फड़ी वालों को चिन्हित किया गया हैं
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि 30 कस्बों में 5000 रेहड़ी-फड़ी वालों को ठोस कचरा प्रबन्धन नियमों, स्वास्थ्य तथा स्वच्छता पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना’ तथा ‘दीन दयाल अन्तोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’ की प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी।
सचिव शहरी विकास रजनीश, आयुक्त नगर निगम शिमला पंकज राय तथा अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।