सुक्खू सरकार की बड़ी सफलता, पारदर्शी प्रशासन का दावा कारगर, युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बर्दास्त नहीं करेगी सरकार, पेपर लीक करने वालों को सलाखों की पीछे भेजा  

 

शिमला. सरकार बनने के दस दिन के अंदर ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि वह पारदर्शी प्रशासन देंगे। जिसे सच साबित करके दिखाया है। हमीरपुर में जेओए आईटी का पेपर लीक करने वालों पर शिकंजा कसा और पुलिस ने ढाई लाख में पेपर बेंचने वाली महिला कर्मचारी और दलाल को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था कि नौकरी भर्ती के लिए आयोजित होने वाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए। पेपर होने से पूर्व ही सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा था। हमीरपुर में सूचना मिलने ही बिजिलेंस ने जाल बिछाकर तत्काल कार्रवाई की और पेपर लीक करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। जिससे प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य से खिलबाड़ होने से बचा लिया गया। पूर्व भाजपा सरकार के समय पुलिस भर्ती को पेपर लाखों रुपए में बेंचा गया था। जिस पर कांग्रेस पार्टी ने जनता से वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर सभी भर्ती परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से होंगी। कांग्रेस ने युवाओं से  किया वादा पूरा करने के लिए पारदर्शी प्रशासन देने के लिए बचनवद्ध हैं। इसी कड़ी में सुक्खू सरकार ने एसएससी में पेपर बेंचने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा है।

 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा राज्य में होने वाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी और उत्तरदायी तरीके से करवाई जाएं। मुख्यमंत्री की इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग सभी परीक्षाओं पर कड़ी निगरानी रख रहा है।
प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि आज एक बड़ी सफलता तब मिली जब अभिलाष की शिकायत पर संजय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसने उसे इस महीने की 25 तारीख को होने वाली जेओए (आईटी) परीक्षा का हल प्रश्नपत्र 2.50 लाख रुपये में उपलब्ध कराने की पेशकश की थी।
नरेश चौहान ने कहा कि राज्य पुलिस ने तथ्यों का सत्यापन किया तथा यह पर्याप्त पाए गए और आज एक स्वतंत्र गवाह के साथ एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि दलाल (संजय) ने फिर से शिकायतकर्ता से एनआईआईटी हमीरपुर में मिलने के लिए संपर्क किया, जो उसके साथ उमा आजाद (वरिष्ठ अधीक्षक गोपनीयता शाखा एचपीएसएससी) के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित घर गए, जिन्होंने अपने बेटे निखी आजाद के साथ पहले से ही हल प्रश्न पत्र प्रदान किए। उन्होंने बताया कि टीम ने दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर उन्हें पकड़ लिया और हल प्रश्न पत्र तथा पैसे बरामद किए।
उन्होंने कहा कि यह सब राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए सक्रिय दृष्टिकोण और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा लाखों युवाओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही को अपनाने और सुनिश्चित करने के संकल्प के कारण संभव हो पाया है।