अपने लाडले को चिट्‌टे के नशे से बचाओ, केस हुआ तो न विदेश पढ़ने के लिए जा पाएगा और न ही सरकारी नौकरी मिलेगी

 

 

शिमला. हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या गंभीर होती जा रही है। खास तौर से सिंथेटिक नशे के रुप में चिट्‌टा गांव गांव तक पहुंच रहा है। आए दिन समाचार मिलते हैं कि चिट्‌टे के साथ युवा पकड़े गए। जिससे साबित होता है कि नशा तस्करों का टारगेट युवा वर्ग ही है। नशा न केवल शरीर को खत्म कर रहा है बल्कि युवाओं का भविष्य भी खराब कर रहा है। पंजाब से सटे हिमाचल के क्षेत्रों में नशा एक गंभीर समस्या बन गया है जो अभिभावकों को भी चिंता में डाले है। लेकिन अब नशा तस्करों की पहुंच पूरे हिमाचल में हो गई। पुलिस की सख्ती के बाद भी नशा तस्करी जारी है, जिसके कारण ही आए दिन नशा  तस्करी करते हुए युवा पकड़े जा रहे हैं।

कांग्रेस सरकार बनते ही उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पुलिस अधिकारियों को नशे के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मीटिंग की है। जिसमें ऊना जिले के पुलिस अधिकारियों से प्राप्त सूचना के अनुसार नशे की गिरफ्त में आने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। नशा करने वाले युवाओं पर जब नशे का केस दर्ज हो जाता है तो वह विदेश पढ़ने नहीं जा पाते हैं। ऊना जिले के हजारों युवा पुलिस केस दर्ज होने के कारण विदेश नहीं जा पाए हैं। विदेश जाने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन होती है। जिसमें नशे का केस दर्ज होने पर विदेश पढ़ाई के लिए जाने की अनुमति नहीं मिलती है और विदेश जाने का वीजा ही नहीं मिलता है। इसी तरह सरकार नौकरी में भी पुलिस वेरिफिकेशन की जरुरत होती है। पुलिस में केस दर्ज होने पर सरकार नौकरी भी नहीं मिलती है। सरकार ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह नशा तस्करी के खिलाफ अभियान चलाए। जो भी लोग नशे की तस्करी में शामिल हो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लेकिन नशे के खिलाफ अभियान सिर्फ पुलिस के सहारे नहीं चलाई जा सकती है। इसके लिए सामाजिक जागरुकता और सामाज का सहयोग भी जरुरी है। इसलिए अपने बच्चों के भविष्य की खातिर जनता को भी नशे के खिलाफ कदम उठाना जरुरी है। जिससे अपने बच्चों के भविष्य को खराब होने से बचाया जा सके।