विधानसभा का विशेष सत्र : मुकेश ने हिमाचल के निर्माण व विकास का श्रेय कांग्रेस को दिया, सत्ताधारी भाजपा नेताओं को रास नहीं आया

शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने अपने नपे तुले सियासी संबोधन से सत्ताधारी दल के नेताओं को हैरान-परेशान कर दिया। मुकेश के संबोधन के दौरान भाजपा की पूरी सरकार के साथ केंद्रीय मंत्री भी विराजमान थे। सियासत में बस यही रणनीति कामयाब होती है कि मंच किसी और ने सजाया और वाहवाही कोई और लूट ले गया। यह हाल विधानसभा के विशेष सत्र का था। मुकेश अग्निहोत्री को संबोधन के लिए तीन मिनिट का समय मिला था और बस यही तीन मिनिट में अपने संबोधन से बहुत कुछ कहने में कामयाब रहे। इसे संबोधन में मुकेश अग्निहोत्री जहां प्रदेश के निर्माण व विकास का श्रेय कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों को देने में कामयाब रहे तो प्रदेश की प्रमुख मांगों को भी राष्ट्रपति के समक्ष उठाने में भी सफल रहे। इस तरह विधानसभा के विशेष सत्र के कार्यक्रम में मीडिया और जन चर्चा में मुकेश अग्निहोत्री अपने संबोधन को लेकर चर्चा में रहे तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इस कारण चर्चा में आए कि उन्होंने प्रतिपक्ष के नेता के संबोधन पर सवाल उठाए।
मुकेश ने अपने संबोधन में हिमाचल के निर्माण का पूरा श्रेय प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार को दिया। कहा कि यदि परमार न होते तो हिमाचल नहीं होता। इसी तरह हिमाचल को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को हिमाचल निर्माण का श्रेय दिया। इंदिरा गांधी ने होतीं तो हिमाचल प्रदेश की परिकल्पना भी संभव न होती। जिन्होंने 1950 में संसद में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने का कानून बनाकर हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया और 25 जनवरी 1971 को शिमला के रिज से तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने घोषणा की। इस प्रकार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल के निर्माण का श्रेय कांग्रेस नेताओं को दिया। इसके साथ हिमाचल के विकास का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को दिया। इस तरह मुकेश अग्निहोत्री राष्ट्रपति के साथ-साथ पूरे प्रदेश को यह बताने में सफल रहे कि हिमाचल प्रदेश का निर्माण और विकास कांग्रेस नेताओं की देन हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने राष्ट्रपति के समक्ष प्रदेश के प्रमुख मुद्दों को भी उठाया। जिसमें प्रमुख रुप से देवभूमि हिमाचल को वीरभूमि बताते हुए अग्निहोत्री ने सीधे राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा कि आप सेना के सर्वोच्य कमांडर हैं। हिमाचल के जवान देश की सेवा में हमेशा तत्पर रहे हैं जिससे हिमाचल रेजीमेंट का गठन होना जरुरी है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी यह मामला कई बारे केंद्र के समक्ष उठाया लेकिन अभी तक गठन नहीं हो सकता। उम्मीद है कि आप हिमाचल रेजीमेंट के गठन के लिए दिशा निर्देश देंगे। इसके साथ हिमाचल में पर्यटन विकास के लिए रेल नेटवर्क और हवाई अड्डों के निर्माण की मांग भी उठाई। अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सेब राज्य के रुप में जाना जाता है। सेब से प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ की आर्थिकी है। जिससे हिमाचल के बागवानों के हित में विदेशी सेब के आयात पर रोक लगाई जाए या फिर आयात शुल्क में बढ़ौतरी की जाए।
विशेष सत्र के दौरान मुकेश अग्निहोत्री के द्वारा हिमाचल के निर्माण का श्रेय कांग्रेसी नेताओं को देना और प्रदेश के मुद्दों को उठाना केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का पसंद नहीं आया। अनुराग ठाकुर ने अप्रत्यक्ष रुप से कहा कि यह मंच ऐसे बातों का नहीं है। इसके साथ यह भी कहा कि नेताओं को मंथन करना चाहिए कि प्रदेश व देश में अभी तक सबसे अधिक समय तक किसने शासन किया है। इस तरह अनुराग ठाकुर ने सीधे तौर पर मुकेश अग्निहोत्री पर ही निशाना साधा, जिसकी सियासत में चर्चा हो रही है।
राष्ट्रपति के समक्ष मुकेश अग्निहोत्री के द्वारा उठाए गए मुद्दों का असर यह रहा कि राष्ट्रपति ने मुकेश अग्निहोत्री से चर्चा कर उनके संबोधन के प्रति भी मांगी और आश्वासन दिया कि वह दिल्ली जाकर आपके द्वारा उठाई गई मांगों पर विचार करेंगे और जो संभव होगा, उसे हल करेंगे। मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अपने संबोधन की प्रति राष्ट्रपति का उपलब्ध करा दी है, उम्मीद है कि प्रदेश के लोगों की समस्याओं का समाधान होगा।