अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचली हथकरघा को पहुंचाने के लिए मार्केटिंग के किए जाएंगे बेहतर प्रबंध : जयराम ठाकुर

शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आज प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि कुल्लू जिले के मनाली के गांव शरण को हथकरघा गांव का सम्मान मिला है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने देश के दस गांव में से मनाली के शरण गांव को हथकरघा गांव के रुप में चयनित किया है। जिससे शरण गांव ने हथकरघा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शरण गांव में पुरानी शैली के पांच सौ साल से अधिक पुराने मकान बने हैं। शरण गांव के अधिकांश परिवार हथकरघा के कार्य से जुड़े हैं जो बेहतर शाल, मफलर, हिमाचल टोपी सहित अन्य उत्पाद तैयार करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शरण गांव के लोगों को हथकरघा से संबंधित बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शरण गांव में डेढ़ करोड़ की लागत से विकास कार्य चल रहे हैं। अब सरकार प्रयास करेगी कि हथकरघा उत्पादों के विश्व स्तर पर पहचान बने जिसके लिए बेहतर मार्केटिंग के प्रबंध किए जाएंगे और इस उद्योग से जुड़े लोगों को उनके उत्पाद के बेहतर दाम मिलें इसके लिए भी प्रबंध किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जिला कहा कि वर्तमान में लगभग 20 हजार लोग हथकरघा उद्योग से जुड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं। हिमाचली शाॅल और टोपी विश्व प्रसिद्ध है। कुल्लू और किन्नौरी शाॅल को भारत सरकार द्वारा हथकरघा संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आरक्षित किया गया है और इन दोनों उत्पादों का पेटेंट करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने कुल्लू में धरोहर गांव नग्गर के पास शरण गांव को हथकरघा गांव के रूप में विकसित करने को सहमति देने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने 118.63 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं, जबकि राज्य सरकार इसमें 13.40 लाख रुपये का योगदान देगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को विशेष रूप से कुटीर उद्योग ने विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी हद तक संभाला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘एक जिला एक उत्पाद’ की अवधारणा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने आज नई दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला के धरोहर गांव नग्गर के समीप शरण गांव को देश के उन दस गांवों में शामिल किया गया है, जिन्हें हथकरघा गांव के रूप में चुना गया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि इससे न केवल हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ये गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनेंगे। देश में निफ्ट केंद्रों से भी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हथकरघा उद्योग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना चाहते हैं, क्योंकि इससे न केवल हथकरघा क्षेत्र की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद भी उपलब्ध होंगे।

केन्दीय मंत्री ने कहा कि हैंडलूम मार्क योजना के लिए आज शुरू की गई मोबाइल ऐप न केवल बुनकरों को सुविधा मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सही हथकरघा उत्पाद भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि माई हैंडलूम पोर्टल उपभोक्ताओं को हथकरघा उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा। शरण गांव में बुनकरों के लिए सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश में इस क्षेत्र को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना चाहिए, तभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त होगी।