जनता कह रही है कि 2022 में वह बीजेपी को करेगी डिलीट : राणा

बीजेपी बोल रही है कि 2022 में करेगी रिपीट, जबकि जनता कह रही है कि 2022 में वह बीजेपी को करेगी डिलीट : राणा
कर्मचारियों को सताने के लिए अब घडियाली आंसू बहाकर फिर झांसा देने का प्रयास कर रही है सरकार
हमीरपुर 18 नवंबर
प्रदेश के मतदाताओं द्वारा उपचुनाव में सीधा और स्पष्ट फैसला सुनाने के बावजूद भी बीजेपी आगामी चुनावों में सत्ता पाने के सपने खुली आंखों से देख रही है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया कह रहे हैं कि 2022 में बीजेपी फिर से रिपीट करेगी, जबकि प्रदेश की जनता आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को डिलीट करेगी। राणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि इस बात को प्रदेश के मुख्यमंत्री भी जानते हैं और बीजेपी के अपने कार्यकर्ता भी मानते हैं। लेकिन शायद खुली आंखों से सपने देखने की आदि बीजेपी की जुबान पर डिलीट के स्थान पर गलती से रिपीट शब्द आ गया, जिसको लेकर बीजेपी का अपना कुनबा संशय और शक की स्थिति में है। राणा ने कहा कि हर मोर्चे पर फैल और फ्लॉप हो चुकी कंगाल सरकार मनरेगा दिहाड़ी देने में भी खुद को समर्थ नहीं पा रही है। हजारों लोगों से मनरेगा में काम करवाने के बावजूद मनरेगा मजदूरों को दिहाड़ी नहीं दे रही है। सरकार कह रही है कि सेंटर से कम बजट आया है। उन्होंने कहा कि सत्ता की मौज-मस्ती में प्रदेश के खजाने को खाली कर चुकी सरकार अगर मनरेगा मजदूरों को दिहाड़ी नहीं दे पा रही है तो सरकार को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े मजदूरों की दिहाड़ी दे पाने में नाकाम सरकार का सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। यह लोकतंत्र के भी खिलाफ है और प्रजातंत्र के भी खिलाफ है। अगर केंद्र की बीजेपी ने मनरेगा का बजट रोका है तो इसकी जिम्मेदारी स्टेट में सीधे तौर पर बीजेपी की बनती है न कि गरीब मजदूर की। राणा ने कहा कि दिहाड़ी लगवाकर भुगतान न करने वाली बीजेपी सरकार को गरीब की आह ले डुबेगी यह तय है। क्योंकि गरीब रोज कमाता है और रोज खाता है। उसके पास इतनी जमा पूंजी नहीं होती है कि वो सरकार के इस अन्याय को सह सके। मजदूर कामगारों को अगर दिहाड़ी नहीं देनी थी तो फिर उनको काम पर ही क्यों लगाया था। राणा ने कहा कि सरकार कुछ कहती है और सिस्टम कुछ कहता है। उपचुनावों के नतीजों से घबराई बीजेपी सरकार को अब कर्मचारियों की याद आने और सताने लगी है। लेकिन बीजेपी याद रखे कि सत्ता के इन चार सालों में जितना अन्याय कर्मचारियों के साथ हुआ है उतनी घोर उपेक्षा आज तक किसी सरकार ने कर्मचारियों की नहीं की है।