फटकार पर फटकार, फिर भी राजनैतिक तबादले

शिमला. सत्ता किसी की भी हो, राजनैतिक तबादले बंद नहीं होते। सत्ता पर काबिज दल के नेता ही अपनी क्षेत्रीय सियासत के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के तबादलों की सिफारिश करते हैं और करवाते हैं। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के तबादले इतने अधिक होते हैं कि सरकारों पर तबादला माफिया को संरक्षण देने के आरोप भी लगते हैं। तबादला माफिया का सीधा सा आशय एक ऐसा वर्ग सक्रिय होता है जो तबादले करवाता है और उसके बदले लेन-देन करता है। बहुत से राजनैतिक तबादले राजनैतिक प्रतिशोध के आधार पर होते हैं, ऐसे आरोप भी सामने आते हें। जब कभी यह राजनैतिक तबादले सरकार नियमों के खिलाफ होते हैं तब पीड़ित पक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाता है। अदालत तबादले के पीछे के कारणों की जांच करता है, फिर सही गलत का फैसला करता है। वर्तमान सरकार के समय कई बार ऐसे फैसले सामने आ चुके हैं जिसमें अदालत ने राजनैतिक आधार पर किए गए तबादले को रद्द करते हुए सरकार को फटकार लगाई है। अदालत की ओर से लगातार फटकार खाने के बाद भी सरकार में तबादले हो रहे हैं। पूर्व में भी एक मामले में अदालत ने कहा था कि जिन राजनैतिक लोगों का प्रशासनिक कार्य में कोई भूमिका नहीं है, उनकी सिफारिश पर तबादले करना उचित नहीं है। अब फिर इसी तरह के एक मामले में अदालत ने तबादला आदेश रद्द करते हुए सरकार को फटकार लगाई है। राजनीतिक सिफारिश के आधार पर किए हेड टीचर के तबादले को गंभीरता से लेते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने याची बाबू राम की याचिका पर यह फैसला सुनाया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय गिरि सुंदरनगर जिला मंडी के हेड टीचर ने अपने तबादला आदेश को चुनौती दी थी। बिना किसी प्रशासनिक परामर्श अधिकार के किए गए इस स्थानांतरण आदेश को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि केवल किसी कर्मचारी का वास्तविक और ठोस कारणों से स्थानांतरण प्रस्ताव कर सकता है, मगर प्रशासनिक विभाग के अधिकार को हथियाना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। याची को राजकीय विद्यालय सहगल के लिए मंडी जिला के नाचन चुनाव क्षेत्र के विधायक की सिफारिश पर स्थानांतरित कर दिया था। सुनवाई के दौरान इस मामले के रिकॉर्ड से पता चला कि नाचन के वर्तमान विधायक विनोद कुमार ने एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा था, जिसमें 10 कर्मचारियों के तबादले की सिफारिश थी। रिकॉर्ड से आगे खुलासा हुआ कि 25 मार्च, 2021 को विधायक के अनुरोध के अनुसार स्वीकृति के लिए मामला मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया, जिन्होंने इस पर एक नोट संलग्न किया। सभी तबादलों को मंजूरी दे दी गई थी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष शशि बाला की सिफारिश पर हुए तबादले को रद्द कर दिया है। प्रार्थी को ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष शशि बाला की सिफारिश पर स्थानांतरित किया गया था। सुनवाई के दौरान मामले के रिकॉर्ड से पता चला कि शशि बाला ने एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा था, जिसमें छह कर्मचारियों के तबादले की सिफारिश की गई थी।