सत्ता की कुर्सी न मिलने के बाद कांग्रेसी विधायकों का गहरा मौन, परदे के पीछे चल रहा होगा सियासी खेल

 

शिमला. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट विस्तार कर 7 मंत्रियों को शामिल किया है। पहले कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद के प्रमख दावेदारों पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा और धर्माणी को शामिल नहीं किया है। इसके साथ ही पूर्व में सीपीएस रहे इंद्र दत्त लखनपाल, विनय कुमार को भी अभी तक सत्ता की कुर्सी नहीं मिली है। कांग्रेस के विधायक रघुवीर सिंह बाली, संजय रत्न, यादविंद्र सिंह गोमा भी सत्ता की कुर्सी पाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। वहीं फतेहपुर के विधायक भवानी सिंह पठानिया को भी कांगड़ा जिले से राजपूत वर्ग से सत्ता की कुर्सी की लांबिंग चल रही है। लेकिन अभी तक किसी को सत्ता की कुर्सी नहीं मिली है।

सत्ता की कुर्सी से दूर कांग्रेसी विधायकों ने गहरा मौन साध लिया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार तेजी से कार्य कर रही है लेकिन सत्ता की कुर्सी पर विराजमान न होने वाले विधायक नजर नहीं आ रहे हैं। सुधीर शर्मा परिवारिक कार्य से विदेश में हैं। वहीं राजेंद्र राणा की आवाज अभी तक मीडिया में सुनाई नहीं दी हैं। कहां हैं इसकी जानकारी भी नहीं मिल रही है। वहीं राजेश धर्माणाी परिवार सहित नयनादेवी के दरबार में पूजा अर्चना करने गए लेकिन राजनैतिक रुप से कुछ नहीं कहा। इसी तरह अन्य विधायक भी मुख्यमंत्री सुक्खू के कार्यक्रम में नजर नहीं आ रहे हैं। यह तो तय है कि सत्ता की कुर्सी पाने के लिए विधायक अपने राजनैतिक आकाओं के माध्यम से लॉबिंग कर रहे होंगे। यह सब राजनैतिक खेल परदे के पीछे ही चल रहा होगा। सुक्खू मंत्रीमंडल में अभी मंत्री के 3 पद खाली है जिसकी चर्चा है कि जल्द ही दूसरा कैबिनेट विस्तार हो सकता है। वहीं बोर्डो और निगमों में उपाध्यक्ष के पदों पर भी नियुक्ति होनी हे। जिससे तय है कि कुछ और कांग्रेसी विधायकों को सत्ता की कुर्सी हासिल होगी।