सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन  :  सत्ता सुख के लिए नहीं, जनता के काम के लिए, रात 12 – 1 बजे तक सचिवालय में चलता है काम

संदीप उपाध्याय

शिमला. व्यवस्था परिवर्तन के नारे के दम पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू काम में जुटे हुए हैं। सुक्खू के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद हिमाचल प्रदेश के सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय में व्यवस्था परिवर्तन साफ दिख रहा है। अब वह सिस्टम नहीं दिखता के सुबह 10 से शाम 5 बजे वाली सरकार चल रही है। सचिवालय का कामकाज सुबह तो 10 बजे ही शुरु होता है लेकिन रात को कब खत्म होगा, इसकी कोई समय सीमा नहीं है। सुक्खू सुबह सचिवालय पहुंचते हैं तो फिर रात को 12 से 1 बजे तक काम करते हैं। मुख्यमंत्री के साथ उनकी टीम और सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी भी आधी रात तक सचिवालय में नजर आते हैं। सुक्खू की इस व्यवस्था परिवर्तन से अधिकारी और कर्मचारी थोड़े परेशान तो नजर आते हैं लेकिन काम तो करना ही पड़ता है। जब सरकार का मुखिया आधी रात तक काम करता है तो फिर मुख्यमंत्री कार्यालय की टीम सहित अधिकारियों को भी काम करना पड़ रहा है।

सरकारी सिस्टम के अनुसार सचिवालय का कामकाज सुबह 10 से शाम 5 बजे के निर्धारित समय में ही चलता था तो अधिकारियों और कर्मचारियों की आदत भी वही हो गई थी। लेकिन सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब व्यवस्था बदल गई है। सुक्खू शिमला में अपने कार्यालय में हैं तो तय मानिए पहले ही ही रात के 12 बजे तक का शड्यूड तय हो जाता है। सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक का अधिकतर समय तो आम जनता और लोगों से मिलने में ही निकल जाता है। शाम 5 बजे के बाद ही अधिकारिक मीटिंग शुरु होती है। एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन शाम के 3 – 4 विभाग की मीटिंग तय हो जाती है। जिसमें संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया जाता है। मीटिंग कब खत्म् होगी, इसका कोई समय नहीं है। मुख्यमंत्री अपने तय एजेंडे के अनुसार सभी बिंदुओं पर अधिकारियों को टारगेट के अनुसार काम करने का दिशा निर्देश देते हैं। मीटिंग के बीच में समय मिला तो मुख्यमंत्री फाइलों को निबटाते नजर आते हैं। राजधानी के सचिवालय में रात 12 बजे तक चहलकदमी रहती है। इस तरह देखने में आ रहा है कि सचिवालय में तो व्यवस्था परिवर्तन हो गया  है। कहने वाले यह भी कह सकते हैं कि अभी सरकार नई नई है तो जोश में काम कर रही है। कुछ दिन बाद सब पुराने ढर्रे पर चलने लगेंगे। लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू का नजदीक से जानने वाले जानते हैं कि सुक्खू का काम करने का अपना स्टाइल है। सुक्खू के पास संगठन चलाने का लंबा अनुभव है। वह दिन रात काम करने में जुटे रहते हैं। सुक्खू अभी तक सत्ता की कुर्सी नहीं मिली थी। पहली बार वह सीधे मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए हैं। जिससे मुख्यमंत्री पद को वह बहुत चुनौती के रुप में देख रहे हैं और सरकार को बेहतर तरीके से चलाकर लोगों को दिखाएंगे ।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा चुनावों के दौरान जनता से सत्ता परिवर्तन के लिए वोट नहीं मांग रहे थे, वह लगातार जनता से व्यवस्था परिवर्तन के लिए वोट मांग रहे थे। विधानसभा चुनावों में हिमाचल की जनता ने सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन के नारे पर मुहर लगाई और कांग्रेस को सत्ता सौंपी। कांग्रेस विधायकों ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को नेता चुना, जिससे वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए। अब अपने वायदे को पूरा करना सुक्खू की नैतिक जिम्मेदारी है। जिसे पूरा करने में वह जी जान से जुटे हैँ।