सरकार कर रही तीन साल के जश्न की तैयार, तो क्या कोरोना के लिए लगाई गई पाबंदियां हट जाएंगी

शिमला. सरकार के तीन साल पूरे होंने पर भाजपा सरकार और संगठन जश्न की तैयारियों में जुटा है। 27 दिसंबर को सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार जश्न मनाना चाह रही है। जश्न के माध्यम से जनता को यह संदेश देना चाहेगी कि सरकार ने तीन साल में विकास के मील पत्थर स्थापित किए। लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार जश्न मनाने के लिए कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाई गई तमाम पाबंदियां हटा लेगी। क्यों वर्तमान में जारी पाबंदियों के चलते सरकार के जश्न तो मनाया ही नहीं जा सकता। सरकारी आदेश है कि किसी भी कार्यक्रम में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते। कोरोना संक्रमण के मामले में राजधानी शिमला सहित हिमाचल प्रदेश देश में टॉप पर आ गया। चौतरफा हमलों से घिरी सरकार ने आनन-फानन में जनता के लिए दर्जनों पाबंदियां लागू कर दी तो भाजपा ने भी अपने सभी कार्यक्रम 15 दिसंबर तक रद्द कर दिए। अब कोरोना संक्रमण लगातार फैल ही रहा है लेकिन सरकार तीन साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। जिससे सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार तीन सलाना जश्न को मनाने के लिए कई पाबंदियों में ढील देगी जिससे सरकारी जश्न मनाया जा सके। सरकार ने 13 दिसंबर को कैबिनेट की मीटिंग भी बुला ली है जिससे लगता है कि सरकार अपना जश्न मनाने के लिए पाबंदियों को हटाने का फैसला ले सकती है। मुख्यमंत्री और मंत्री पहले की यह ऐलान कर चुके हैं कि सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न यादगार होगा यानि बड़े अंदाज में मनाया जाएगा। अब देखना होगा कि सरकार तीन साल का जश्न मनाने के लिए क्या-क्या पाबंदियां हटाने का निर्णय लेती है।
हालांकि अभी प्रदेश के हालात कोरोना संक्रमण को देखते हुए ठीक नहीं है। प्रतिदिन कोरोना के 800 से अधिक मामले आ रहे हैं और कोरोना संक्रमितों की संख्या 46 हजार के पास पहुंच गई है और एक्टिव केस 8 हजार के करीब हैं। प्रदेश के अस्पतालों में बनाए गए कोविड वार्ड में मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं मिल पा रही है। जिससे 8 हजार एक्टिव केस में से 7 हजार के करीब संक्रमित मरीज घर पर इलाज कर रहे हैं। सरकार ने यह घोषणा की है कि घर में इलाज के दौरान किसी मरीज की तबियत खराब होती है तो उसे अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है लेकिन कोरोना मरीजों के बढ़ते आंकड़ों के कारण यह भी मुश्किल हो रहा है। जिससे सरकार का चाहिए कि वह अभी ऐसा कोई निर्णय न ले जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़े।