प्रधानमंत्री ने की मुख्यमंत्री की तारीफ, राजनैतिक रुप से मजबूत हुए जयराम 

  

 

शिमला. केंद्र सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने का जश्न मनाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिमला आना राजनैतिक रुप में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हुआ। प्रधानमंत्री ने मंच से मुख्यमंत्री के कार्यों की जमकर प्रशंसा की जिससे मुख्यमंत्री को सियासी मजबूती हासिल हुई है। सियासत में यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है कि मंच पर उपस्थित लोगों में से प्रधानमंत्री ने किसे अधिक महत्व दिया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री को प्रमुखता के साथ संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के लोकप्रिय, कर्मठ मुख्यमंत्री और मेरे मित्र जयराम ठाकुर कहकर संबोधित किया। यहां पर प्रधानमंत्री का जयराम ठाकुर को मेरे मित्र कहना ही बहुत बड़ी बात थी। शायद प्रधानमंत्री ने पहली बार भरे राष्ट्रीय मंच से मुख्यमंत्री को मेरे मित्र कहकर संबोधित किया है। इसके आगे प्रधानमंत्री ने लगातार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री के द्वारा मुख्यमंत्री की तारीफ करने से जयराम ठाकुर को राजनैतिक मजबूत मिली हैं। इससे उन अटकलों पर भी विराम लग गया है जिनमें यह कयास लगाए जाते रहे कि प्रदेश में नेतृत्व में बदलाव हो रहा है। अभी प्रधानमंत्री और पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने मुख्यमंत्री के कार्य की तारीफ कर जयराम ठाकुर को राजनैतिक रुप से मजबूती प्रदान की है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड महामारी के दौरान प्रदेश में जय राम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण की पहली और दूसरी खुराक देने में प्रथम स्थान हासिल कर देश के अन्य राज्यों का पथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल उनकी कर्मभूमि भी रही है, क्योंकि वर्षों तक उन्होंने राज्य में कार्य किया है। उन्होंने प्रदेश में जल जीवन मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए हिमाचल सरकार के अच्छे कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य के बद्दी क्षेत्र ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों में हिमाचल के हर परिवार का महत्त्वपूर्ण योगदान है और भाजपा सरकार में चार दशकों के विलम्ब के बाद वन रैंक वन पेंशन को क्रियान्वित किया गया और पूर्व सैनिकों को एरियर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से हिमाचल के लाखों परिवार लाभान्वित हुए हैं।

 

शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के आठ  वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाया। मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आठ वर्षों ने जनहितैषी योजनाएं चलाईं हैं जिनका सीधा फायदा देश की जनता को हो रहा है। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार को समाप्त कर डायरेक्ट बैनेफिट योजना चालू की है जिससे केंद्र व राज्य की सभी योजनाओं का पूरा पैसा जनता के खाते में आ रहा है। अब ऐसा नहीं होता कि दिल्ली से सौ रुपए चलें तो जनता के पास 15 पैसे पहुंचे, अब पूरे सौ रुपए सीधे जनता के खाते में आ रहे हैं। मोदी ने कहा कि अब देश में माय बाप की सरकार नहीं है जनता की सेवक सरकार है। जिसका लक्ष्य सबका साथ सबका विकास है। पहले वोट बैंक की राजनीति होती थी लेकिन अब विश्वास की राजनीति हो रही है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अन्तर्गत देश के 10 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों को 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता की 11वीं किस्त भी जारी की।

 

योजनाओं के लाभार्थियों से की प्रधानमंत्री ने बात

 

प्रधानमंत्री ने देशभर के पीएम-किसान सहित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से बात की। उन्होंने लद्दाख के ताशी टडुंप, बिहार की ललिता देवी, पश्चिम त्रिपुरा के पंकज शानी, कर्नाटक के कलबुर्गी की संतोषी, गुजरात के मैहसाणा के अरविन्द के साथ वर्चुअल माध्यम से और शिमला के रिज मैदान से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की समा देवी से सीधे संवाद किया।

इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर हिमाचल में उपस्थित होने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने पीएम-किसान योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक किसानों को उनके बैंक खाते में पैसे मिलने पर किसानों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने शिमला से देशभर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना के अन्तर्गत आर्थिक लाभ जारी करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने 130 करोड़ नागरिकों की सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री ने अफसोस व्यक्त किया कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय इसे व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा मान लिया जाता था। सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय इसके सामने झुक गई थी। उस समय देश इस बात का साक्षी था कि जरूरतमंद लोगों तक पहंुचने से पहले योजनाओं का पैसा लूट लिया जाता था। उन्होंने कहा कि आज जन-धन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति के कारण पैसा सीधे लाभार्थियों के जन-धन बैंक खातों तक पहंुच रहा है। पहले रसोईघर में धुंआ झेलने की मजबूरी थी लेकिन आज उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत एलपीजी सिलेण्डर की सुविधा है। पहले खुले में शौच की शर्म थी, परन्तु आज गरीबों के पास शौचालय का सम्मान है। पहले उपचार के लिए पैसे जुटाने की लाचारी थी आज हर गरीब के पास आयुष्मान भारत का सहारा है। पहले तीन तलाक का डर था और अब अपने अधिकारों के लिए लड़ने की हिम्मत है।