भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव जे. सी. शर्मा, अब बिजिलेंस करेगी जांच, करोड़ों की जमीन खरीदने का भी आरोप

शिमला. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव जे.सी. शर्मा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। शर्मा पर भ्रष्टाचार के साथ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के साथ भ्रष्टाचारी अफसरों के संरक्षण देने और कई फर्मों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के आरोप हैं। यह आरोप आबकारी व कराधान विभाग से रिटायर गीता सिंह ने लगाए हैं। गीता सिंह की शिकायत पर अदालत ने बिजिलेंस को आदेश दिए हैं कि वह तीन माह में जांच कर रिपोर्ट सौंपे। जे.सी. शर्मा वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं। यह बात ध्यान रखने की है कि जेसी शर्मा के पास लंबे समय से आबकारी और कराधान विभाग हैं। वर्तमान में भी वह आबकारी और कराधान विभाग के सचिव हैं। जिससे यह भी सवाल खड़े होते हैं कि आखिर क्यों एक अधिकारी लंबे समय से आबकारी और कराधान विभाग में कार्य कर रहे हैं।
अब अदालत के आदेश के बाद बिजिलेंस प्रमुख सचिव जेसी शर्मा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की जांच करेगी। जेसी शर्मा के खिलाफ जांच करने के आदेश बिजिलेंस को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 1 शिमला की विशेष अदालत ने दिए हैं। आदेश में कहा है कि जांच एजेंसी तीन माह के अंदर जांच पूरी कर कोर्ट को अवगत कराए। साथ ही जांच में शिकायतकर्ता व अन्य सभी को शामिल किया जाए। पुराने मामले में याचिकाकर्ता की आपत्ति पर हाईकोर्ट ने यह आदेश सुनाया है।

आबकारी एवं कराधान विभाग से रिटायर्ड गीता सिंह ने जेसी शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए विजिलेंस का दरवाजा खटखटाया था। विजिलेंस ने जब सुनवाई नहीं की तो गीता कोर्ट चली गईं। कोर्ट ने 17 अक्तूबर, 2015 को शिकायत के संबंध में जांच के आदेश दिए और जांच एजेंसी ने जांच कर 6 जनवरी, 2016 को रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया कि मामले में कोई सुबूत नहीं मिला है। इस पर शिकायतकर्ता ने 12 जुलाई, 2017 को आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया। अब विशेष अदालत ने गीता की आपत्तियों को आधार बनाते हुए विजिलेंस को विधिवत जांच कर तीन माह में रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

शिकायतकर्ता गीता सिंह का आरोप था कि 2009 से 2013 के बीच आबकारी एवं कराधान आयुक्त रहते भारी भ्रष्टाचार किया और आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर ली। शिकायत में कहा गया कि शर्मा ने शिमला जिले के कोटी में तीस बीघा जमीन बिना सरकार से अनुमति लिए खरीदी। जमीन खरीद भी साठ लाख में दिखाई गई, जबकि यह एक करोड़ से ज्यादा की डील थी। इसके अलावा कई फर्मों को लाभ पहुंचाने, भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने और ईमानदारों को परेशान करने जैसे आरोप लगाए गए हैं।