शिमला. शांता समर्थक डॉ. राजीव भारद्वाज का केसीसी बैंक का चेयरमेन बनना लगभग तय हो चुका है। राजीव भारद्वाज दूसरी बार केसीसी बैंक के चेयरमेन का पद संभालेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का आशीर्वाद भारद्वाज को मिल गया है। जिससे शीघ्र बैंक के निर्वाचित होकर आए डायरेक्टरों से चर्चा के बाद राजीव भारद्वाज के नाम का ऐलान हो सकता है। राजीव भारद्वाज बैंक के निवाचित सदस्य नहीं हैं बल्कि मनोनीत सदस्य हैं जिसके कारण बैंक के निर्वाचित डायरेक्टर इसका विरोध कर रहे हैं। भाजपा समर्थक निर्वाचित डायरेक्टरों का मत हैं कि निर्वाचित होकर आए डायरेक्टरों में से किसी एक को चेयरमेन का पद सौंपना चाहिए जिसके लिए चंद्रभूषण नाग का नाम सबसे आगे हैं। चंद्रभूषण नाग जिला कांगड़ा भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। कांगड़ा जिला के एक मंत्री भी मनोनीत सदस्य को चेयरमेन बनाने का परदे के पीछे विरोध कर रहे हैं और निर्वाचित सदस्य को ही बैंक का चेयरमेन बनाना चाहते हैं। लेकिन शांता कुमार की सहमति के बाद सत्ता और संगठन में डॉ. राजीव भारद्वाज को ही केसीसी बैंक का चेयरमेन बनाने की सहमति बन रही है। डॉ. राजीव भारद्वाज को चेयरमेन बनाने के समर्थक नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार बनने के बाद जो भी चेयरमेन और वॉयस चेयरमेन बने हैं सभी पांच वर्ष के लिए बने हैं तो फिर राजीव भारद्वाज को बीच में पद से हटाना ठीक नहीं है। इस दलील के चलते राजीव भारद्वाज को दोबारा चेयरमेन बनाने की सहमति बन रही है। उम्मीद है कि सत्ता और संगठन के नेता शीघ्र ही केसीसी बैंक के चेयरमेन बनाने का फैसला ले लेंगे। केसीसी बैंक के हुए चुनाव में अधिकांश सदस्य भाजपा समर्थित ही जीत कर आए हैं जिससे तय है कि अब राजीव भारद्वाज के नाम पर जल्द ही मुहर लग सकती है और वह दोबारा बैंक के अध्यक्ष पद पर विराजमान हो जाएंगे। भाजपा सरकार बनने के बाद केसीसी बैंक के चेयरमेन पद पर राजीव भारद्वाज बैठे थे।
केसीसी बैंक के हुए 16 सदस्यों के चुनाव में 9 भाजपा से संबंधित प्रत्याशी जीते हैं और 2 निर्दलीय भी भाजपा के साथ हैं। इन निर्वाचित 16 सदस्यों के अलावा 3 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। इसके साथ ही एक आरबीआई के सदस्य और एक बैंक के एमडी का वोट होता है। तरह चुनाव होने की दशा में कुल 21 वोट पड़ते हैं।